हवा में ही फेल हुआ यूनाइटेड एयरलाइंस के ड्रीमलाइनर का इंजन: ‘मेडे’ कॉल के बाद वाशिंगटन में आपात लैंडिंग
वाशिंगटन से म्यूनिख जा रही यूनाइटेड एयरलाइंस की बोइंग 787 ड्रीमलाइनर फ्लाइट UA108 में शुक्रवार को हवा में इंजन फेल होने के बाद ‘मेडे’ कॉल किया गया और विमान को आपात स्थिति में उतारा गया.;
United Airlines Dreamliner
यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट में मिड-एयर इमरजेंसी: एक बड़ी खबर के अनुसार, शुक्रवार (25 जुलाई) को वाशिंगटन से म्यूनिख जा रही यूनाइटेड एयरलाइंस की एक फ्लाइट को हवा में आपात स्थिति का सामना करना पड़ा. इस बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान (कॉलसाइन UA108) ने उड़ान भरने के तुरंत बाद ‘मेडे’ कॉल घोषित किया, जो किसी विमान में गंभीर आपात स्थिति को दर्शाता है. यह घटना ऐसे समय में हुई है जब कुछ दिन पहले ही बोइंग कंपनी का एक और विमान, एयर इंडिया की फ्लाइट लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रही थी और गुजरात के अहमदाबाद में टेकऑफ के बाद क्रैश हो गई थी, जिसमें 260 लोगों की जान चली गई थी. बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान का यह पहला घातक क्रैश था.
क्यों घोषित किया गया 'मेडे' कॉल? इंजन फेल होने से बढ़ा खतरा
यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट को मेडे कॉल क्यों करना पड़ा? यूनाइटेड एयरलाइंस की इस फ्लाइट में वाशिंगटन से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद, विमान का बायां इंजन फेल हो गया. इंजन में यह खराबी लगभग 5,000 फीट की ऊंचाई पर आई. इंजन के खराब होते ही, पायलटों ने तुरंत एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC) को स्थिति की जानकारी दी और सुरक्षित लैंडिंग के लिए आपातकालीन प्रक्रियाओं को शुरू किया. ‘मेडे’ अलर्ट जारी करने के बाद, विमान वाशिंगटन के उत्तर-पश्चिम में एक होल्डिंग पैटर्न में चक्कर लगाता रहा. ऐसा विमान में मौजूद ईंधन को सुरक्षित रूप से डंप करने के लिए किया गया था, ताकि लैंडिंग के समय जोखिम कम हो सके. फ्लाइटअवेयर (FlightAware) के डेटा के अनुसार, विमान ने एयरपोर्ट पर वापस उतरने से पहले 2 घंटे 38 मिनट तक हवा में उड़ान भरी. यह घटना एक बार फिर विमानन सुरक्षा पर सवाल उठाती है.
फ्यूल डंपिंग और सुरक्षित लैंडिंग: कैसे संभाली गई स्थिति?
विमान में फ्यूल डंपिंग क्यों की जाती है? किसी आपात स्थिति में विमान में फ्यूल डंपिंग (ईंधन डालना) एक सामान्य प्रक्रिया है. जब किसी विमान को आपात स्थिति में तुरंत लैंड करना होता है, तो वह अपने अत्यधिक वजन को कम करने के लिए हवा में ही ईंधन छोड़ देता है. यह विशेष रूप से तब जरूरी होता है जब विमान ने अभी-अभी उड़ान भरी हो और उसमें लैंडिंग के लिए आवश्यक सुरक्षित वजन से अधिक ईंधन हो.
ईंधन को डंप करने से लैंडिंग के दौरान विमान पर पड़ने वाला दबाव कम हो जाता है, जिससे सुरक्षित लैंडिंग की संभावना बढ़ जाती है. यूनाइटेड एयरलाइंस के पायलटों ने भी एटीसी ऑपरेटरों के साथ समन्वय किया ताकि क्षेत्र में हवाई यातायात से सुरक्षित दूरी बनाए रखी जा सके और ईंधन को सुरक्षित रूप से छोड़ा जा सके, जैसा कि एविएशन ए2जेड (Aviation A2Z) की रिपोर्ट में कहा गया है.
हाल ही में हुए अन्य विमानन हादसे: सुरक्षा पर उठे सवाल
यह घटना हाल के दिनों में हुई कई अन्य विमानन आपात स्थितियों के बाद आई है. कुछ ही दिन पहले, डेनवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अमेरिकन एयरलाइंस की एक फ्लाइट AA 3023 में आपात स्थिति सामने आई थी. यात्रियों को केबिन में धुआं अनुभव होने के बाद आपातकालीन स्लाइड्स के माध्यम से विमान से निकाला गया था. अमेरिकी संघीय विमानन प्रशासन (FAA) के अनुसार, यह विमान एक बोइंग 737 MAX 8 था जो मियामी जा रहा था और इसमें "संभावित लैंडिंग गियर घटना" शामिल थी. एयरलाइन ने बाद में स्पष्ट किया कि यह समस्या विमान के टायर के कारण हुई थी. इन घटनाओं ने वैश्विक विमानन उद्योग में सुरक्षा मानकों और विमानों के रखरखाव पर नए सिरे से चर्चा छेड़ दी है.