SC ने मराठा आरक्षण किया खारिज, कहा-50% की सीमा तोड़ना समानता के खिलाफ

SC rejects Maratha reservation, says breaking 50% limit against equality New Delhi : बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पांच जजों वाली संविधान पीठ में जस्टिस अशोक भूषण, एल नागेश्वर राव, एस अब्दुल नज़ीर, हेमंत गुप्ता और रवींद्र भट ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से दिए गए मराठा आरक्षण (Maratha Arakshan) को खारिज कर दिया है। संवैधानिक बेंच ने आरक्षण पर सुनवाई करते हुए कहा है कि इसकी सीमा को 50 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता। 

Update: 2021-05-05 16:26 GMT

New Delhi : बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पांच जजों वाली संविधान पीठ में जस्टिस अशोक भूषण, एल नागेश्वर राव, एस अब्दुल नज़ीर, हेमंत गुप्ता और रवींद्र भट ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से दिए गए मराठा आरक्षण (Maratha Arakshan) को खारिज कर दिया है। संवैधानिक बेंच ने आरक्षण पर सुनवाई करते हुए कहा है कि इसकी सीमा को 50 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता। 

SC ने शिक्षा और रोजगार के लिए मराठों को आरक्षण देने वाले संशोधन को ख़ारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मराठा आरक्षण देते समय 50% आरक्षण को तोड़ने का कोई वैध आधार नहीं था। SC ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया कि 'मराठा समुदाय के लोगों को शैक्षणिक और सामाजिक रूप से पिछड़े समुदाय के श्रेणी के भीतर लाने के लिए घोषित नहीं किया जा सकता है।'

 

न्‍यायालय ने कहा कि ऐसी कोई विशेष परिस्थितियां नहीं है जिनके तहत मराठा समुदाय को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग मानते हुए निर्धारित 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक आरक्षण दिया जाए। 

न्‍यायालय ने कहा कि गायकवाड़ समिति और उच्‍च न्‍यायालय दोनों ने ही ऐसा कोई कारण नहीं दिया है जिसके तहत मराठा समुदाय को निर्धारित 50 प्रतिशत सीमा से अधिक आरक्षण देने को उचित ठहराया जाए।

सर्वसम्मति से कानून पारित किया था : CM उद्दव ठाकरे

महाराष्ट्र CM उद्दव ठाकरे ने कहा की यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को आरक्षण के कानून को खारिज कर दिया।  सर्वसम्मति से कानून पारित किया था। अब न्यायालय का कहना है कि महाराष्ट्र इस पर कानून नहीं बना सकता है, केवल प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बना सकते हैं। 

हम PM Modi को चिट्ठी लिखेंगे : रामदास अठावले

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा की हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं। महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समाज के ऐसे लोग जिनकी आय कम है, उन्हें आरक्षण दिया था। महाराष्ट्र सरकार कोर्ट में सही से अपना पक्ष रखने में विफल रही उन्होंने कहा की उनकी  पार्टी की तरफ से मांग है कि मराठा लोगों को आरक्षण मिलना ही चाहिए। क्षेत्रिय समाज को अलग से आरक्षण मिलना चाहिए। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखने वाला हूं। 

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