MP: भाजपा के 2 मंत्रियों के टिकट कटे, 7 मंत्री समेत 130 विधायकों के खतरे में

Get Latest Hindi News, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, Today News in Hindi, Breaking News, Hindi News - Rewa Riyasat

Update: 2021-02-16 05:54 GMT

भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इशारा कर दिया है कि इस बार 130 विधायकों के टिकट कटने की संभावना है। उन्होंने इन विधायकों को 3 महीने का लास्ट चांस दिया है। यदि वो जनता में अपनी छवि सुधार पर तो फिर से चुनाव लड़ सकेंगे। इन नामों में कई मंत्री भी शामिल हैं। कहा जा रहा है कि मंत्री कुसुम मेहदेले और हर्ष सिंह का सफाया तो बिल्कुल तय हो चुका है। इनके अलावा 7 मंत्री ऐसे हैं जिनके खिलाफ उनके विधानसभा क्षेत्रों में भारी नाराजगी दर्ज की गई है। इनके टिकट भी कट सकते हैं। जोड़तोड़ के बाद बच भी सकते हैं।

इन मंत्रियों के टिकट खतरे में एंटी इनकंबेंसी के चलते क्षेत्र में बढ़ता हुआ जनाक्रोश भी कई मंत्रियों के टिकट कटवा सकता है। ऐसे मंत्रियों में वित्त मंत्री जयंत मलैया, वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार, उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया, नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह, ऊर्जा मंत्री पारस जैन, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे ,कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह, पर्यटन मंत्री सुरेंद्र पटवा ,चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरद जैन के नाम शामिल है। संघ में अपनी पकड़ के चलते जयभान सिंह पवैया टिकट के प्रति आश्वस्त हैं, वहीं माया सिंह क्षेत्र बदल सकती हैं।

इन मंत्रियों की सीट सुरक्षित भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कई ऐसे मंत्री भी शामिल है जिन्होंने क्षेत्र में न केवल जनता से सीधा संवाद लगातार कायम रखा बल्कि अपनी पकड़ और ज्यादा मजबूत की है। ऐसे मंत्रियों में जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा, उद्योग मंत्री राजेंद्र शुक्ल, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह, खेल एवं युवक कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस, तकनीकी शिक्षा मंत्री दीपक जोशी और स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह शामिल हैं।

टिकट कटा तो बेटों को चुनाव लड़ाएंगे जिन मंत्रियों का टिकट खतरे में हैं, वो प्लान बी पर भी काम कर रहे हैं। उन्होंने अपने पुत्र या पुत्री पहले से ही क्षेत्र में सक्रिय कर दिया है। यदि उनका टिकट कटा तो वो अपने पुत्र या पुत्री को आगे बढ़ा देंगे। इन मंत्रियों में जयंत मलैया, गौरीशंकर बिसेन और गौरीशंकर शेजवार शामिल हैं। मंत्री पद छोड़कर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बने कैलाश विजयवर्गीय इस बार अपने पुत्र चुनाव मैदान में उतारेंगे। इसी तरह मंत्री गोपाल भार्गव भी अपने बेटे को चुनाव लड़ाने के मूड में हैं।

Similar News