एक-दो दिनों में मिलनी शुरू हो जाएगी DRDO की Anti-COVID दवा, नहीं रहना होगा ऑक्सीजन पर निर्भर

कोरोना महामारी के बीच DRDO की तरफ से एक खुशखबरी है. DRDO द्वारा बनाई एंटी-कोविड मेडिसन (Anti-COVID Medicine), 2 DG एक दो दिनों के अंदर मिलनी शुरू हो जाएगी. इस दवा की खासियत यह है कि इसे लेने के बाद COVID मरीजों को ऑक्सीजन पर नहीं निर्भर रहना होगा. 

Update: 2021-05-16 20:08 GMT

कोरोना महामारी के बीच DRDO की तरफ से एक खुशखबरी है. DRDO द्वारा बनाई एंटी-कोविड मेडिसन (Anti-COVID Medicine), 2 DG एक दो दिनों के अंदर मिलनी शुरू हो जाएगी. इस दवा की खासियत यह है कि इसे लेने के बाद COVID मरीजों को ऑक्सीजन पर नहीं निर्भर रहना होगा. 

सूत्रों के मुताबिक, हैदराबाद की डॉक्टर रेड्डीज़ लैब में 10 हजार डोज़ बनकर तैयार हो गई हैं और अगले एक-दो दिनों में डीआरडीओ के अस्पतालों में उपलब्ध भी हो जाएंगी. सैशे में उपलब्ध इस दवाई की सैंपल-तस्वीर भी सोशल मीडिया में आ चुकी है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ पहले चरण में 10 हजार डोज़ के बाद DRDO के कहने पर जून माह से डॉक्टर रेड्डीज़ लैब में हर हफ्ते 1 लाख डोज बनने शुरू हो जाएंगे एवं सीधे देश के अस्पतालों में सप्लाई किए जाएंगे. फिलहाल इन दवाओं को मेडिकल स्टोर्स में नहीं भेजा जाएगा. 

आपको बता दें कि कोरोना महामारी के बीच पिछले हफ्ते DRDO ने एक बड़ी राहत की खबर दी थी. डीआरडीओ ने एंटी-कोविड दवाई बनाने का दावा किया था. डीआरडीओ का दावा है कि ग्लूकोज़ पर आधारित इस दवाई के सेवन से कोरोना से ग्रस्त मरीजों को ऑक्सजीन पर ज्यादा निर्भर नहीं होना पड़ेगा और जल्दी स्वस्थ हो जाएंगे.

डीआरडीओ ने एंटी-कोविड मेडिसन ‘2-डिओक्सी-डी-ग्लूकोज़’ (2डीजी) को डाक्टर रेड्डी लैब के साथ मिलकर तैयार किया है और क्लीनिकल-ट्रायल के बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इस दवाई को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए हरी झंडी दे दी है.

DRDO की दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन ऐंड एलाइड साइंसेज (इनमास) ने हैदराबाद की रेड्डी लैब के साथ मिलकर इस दवाई को तैयार किया है. डीआरडीओ का दावा है कि क्लीनिक्ल-ट्रायल के दौरान ये पाया गया कि जिन कोविड-मरीजों को ये दवाई दी गई थी, उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट जल्द नेगेटिव आई है.

इस दवाई को लेकर खुद रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक तौर से जानकारी देते हुए बताया था कि ये एक जैनेरिक मोल्कियूल है और ग्लूकोज का एक ऐनोलोग है,  इसलिए ये भरपूर मात्रा में मार्केट में उपलब्ध है. ये एक सैशे में पाउडर फॉर्म में मिलती है और पानी में घोलकर पी जा सकती है.

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