पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 के मामले में 77 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश : VYAPAM SCAM

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Update: 2021-02-16 06:12 GMT

भोपाल . सीबीआई ने व्यापम महाघोटाले की पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 के मामले में 77 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया। शुक्रवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसबी साहू ने अदालत में पहली बार हाजिर हुए 14 आरोपियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया, जबकि दो आरोपियों का गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

आरोपियों की जमानत अर्जी पर 10 फरवरी को सुनवाई होगी। मालूम हो कि एसटीएफ पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 मामले में 7 चालान पहले ही पेश कर चुकी थी। इनमें कुल 47 लोग आरोपी बनाए गए थे। 17 आरोपी अदालत से जमानत पर थे और उनके खिलाफ जांच चल रहीं थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच सीबीआई ने की और 16 नए आरोपियों को शामिल कर उनके खिलाफ चालान पेश किया।

यह है मामला- पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-13 मामले में पंकज त्रिवेदी, नितिन महिंद्रा, अजय कुमार सेन, चंद्रकांत मिश्रा, आशाराम गुर्जर, मोहन सिंह गुर्जर, राजेंद्र सिंह गुर्जर, विजय त्रिपाठी, पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के ओएसडी ओपी शुक्ला, विशाल सिंह रघुवंशी, संतोष गुप्ता, अंबरीश शर्मा, राजेश सिंह राजपूत सहित अन्य 77 आरोपी शामिल हैं। 3 आरोपियों विजय सिंह पटेल, अजय सिंह पवार और धनराज यादव की मौत हो चुकी है। सीबीआई के अनुसार एसटीएफ ने जांच के बाद कुल 7 चालान पेश किए थे।

दो का गिरफ्तारी वारंट जारी- शुक्रवार को सीबीआई जज एसबी साहू की कोर्ट से जेल भेजे गए आरोपियों में बिचौलियों और दलाल संतोष सिंह तोमर उर्फ राजा तोमर, भरत मिश्रा, दलाल तरंग शर्मा, सुनील शर्मा, दिलीप गुप्ता सहित 14 आरोपी शामिल हैं। अदालत में हाजिर न होने पर आरोपी अमर सिंह यादव, रघुनाथ सिंह सिकरवार का गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।

फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र लगाकर बन गए डॉक्टर, दो पर केस दर्ज -  एसटीएफ ने दो और नए केस दर्ज किए हैं। फर्जी मूल निवासी प्रमाण-पत्र लगाकर दो उम्मीवार पीएमटी 2009 की परीक्षा में शामिल हुए थे। एसटीएफ एसपी राजेश सिंह भदौरिया के मुताबिक गोरखपुर निवासी मनीष पांडे और चित्रकूट निवासी विकास सिंह को आरोपी बनाया गया है। दोनों ने रीवा की त्योंथर तहसील का फर्जी मूल निवास प्रमाण-पत्र लगाकर 2009 में परीक्षा दी थी। इसके बाद दोनों का दाखिला भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में हुआ। इससे पहले एसटीएफ 13 मामलों में एफआईआर दर्ज कर चुकी है, लेकिन गिरफ्तारी किसी की भी नहीं कर पाई है।

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