इन विधायकों ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें, जानिए कौन किसके समर्थक और कब से हैं लापता : MP NEWS

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Update: 2021-02-16 06:13 GMT

भोपाल. मध्यप्रदेश की सियासत मझधार में फंसती नजर आ रही है। कांग्रेस के कई विधायक लापता बताए जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा भाजपा पर लगाए गए हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों के बाद मध्यप्रदेश की सियासत गर्म है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मंगलवार देर रात कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने कांग्रेस के 6, बसपा के 2 (एक निलंबित) और एक निर्दलीय विधायक को हरियाणा के गुरुग्राम के आईटीसी मराठा होटल में बंधक बनाया। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि रामबाई हमारे पास वापस आ गई हैं।

इन विधायकों के कारण संकट में आई सरकार मध्य प्रदेश में दमोह जिले की पथरिया विधानसभा से बसपा की रामबाई। रामबाई फिलहाल बसपा से निलंबित हैं। उन्होंने हाल ही में सीएए के मुद्दे पर केन्द्र सरकार की तारीफ की थी। जिसके बाद बसपा प्रमुख मायावती ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है। रामबाई, कमलनाथ सरकार की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठा रही हैं। हाल ही में उन्होंने मध्यप्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद सिंह पर भी हमला बोल चुकी है।

भिंड से बसपा विधायक संजीव कुशवाहा भी कमलनाथ सरकार से नाराज हैं। उन्होंने कहा था कि मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री विधायकों को जज्जवो नहीं देते हैं। वहीं, अनूपपुर सीट से कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल, सुवासरा से कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग, सुमावली से कांग्रेस विधायक ऐंदल सिंह कंसाना नाराज है। कांग्रेस के तीनों विधायक मंत्रालय नहीं मिलने से नाराज बताए जा रहे हैं।

निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ऐसे नेता हैं, जिनकी वजह से कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल छा गए थे। सुरेन्द्र सिंह शेरा लगातार मंत्रालय की मांग कर रहे हैं। शेरा ने यहां तक कहा था कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुझे दो बार मंत्री बनाने का भरोसा दिया था लेकिन अभी तक उन्हें मंत्रालय नहीं मिले।

इन पर है विधायकों का जिम्मा कांग्रेस के भीतर तोड़फोड़ का जिम्मा पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, विश्वास सारंग और विधायक अरविंद भदौरिया पर है। यही कांग्रेस के भीतर से विधायकों को तोड़कर दिल्ली लाए हैं। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली में आगे की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसी क्रम में सुबह बंद कमरे में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ उनकी डेढ़ घंटे की मुलाकात हुई। उसके बाद वह भाजपा कार्यालय रवाना हो गए, जहां पर जेपी नड्डा से मुलाकात होगी। उसके बाद ही आगे की रणनीति पर काम होगा। कुल मिलाकर आज का दिन मध्यप्रदेश की सरकार के लिए महत्वपूर्ण होगा।

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