MP Panchayat Chunav News: पंचायत चुनाव प्रक्रिया रोकने पर जबलपुर हाई कोर्ट का इंकार

MP Panchayat Chunav 2021-22: जबलपुर हाईकोट (Jabalpur High Court) ने पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav) को रोकने से इंकार कर दिया है

Update: 2021-12-09 11:58 GMT

MP Panchayat Chunav Reservation News: जहां राज्य निवार्चन आयोग ने पंचायत चुनाव (Madhya Pradesh Panchayat Chunav) की तरीखों का ऐलान किया था, वही अब चुनाव याचिका पर सुनवाई कराते हुए हाईकोर्ट के विद्रवान न्यायाधीश ने पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। जिसके बाद मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav) का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट (Highcourt) में दायर याचिका पर लगभग 40 मिनट तक बहस चली।

फैसले के बाद राज्यसभा सांसद सदस्य एवं वरिष्ठ अधिवक्त विवेक तन्खा (Vivek Tankha) ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जाएंगे। पुराने आरक्षण पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जाने को लेकर विभिन्न लोगों ने याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी। इनमें स्टे की मांग की गई थी। सभी याचिकाओं पर गुरुवार को एक साथ सुनवाई हुई।

डबल बेंच में हुई सुनवाई

जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) के चीफ जस्टिस रवि मलिमथ (Chief Justice Ravi Malimath) और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला (Justice Vijay Kumar Shukla) की डबल बेंच ने ग्वालियर बेंच में जस्टिस रोहित आर्या की अध्यक्षता वाली युगलपीठ के आदेश को यथावत रखा। कोर्ट ने कहा कि जब ग्वालियर खंडपीठ ने स्टे देने से पहले ही मना कर दिया था, तो बेंच बदलने से क्या होगा?

मामले में पहले अधिवक्ता महेंद्र पटेरिया फिर ब्रम्हेंद्र पाठक व वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा, शशांक शेखर और आखिरी में आदर्शमुनि त्रिवेदी एसोसिएट की ओर से याचिकाएं दायर की गई थीं। इनमें राज्यपाल द्वारा अध्यादेश जारी कर पंचायत अधिनियम में किए गए संशोधन की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी।

इन याचिकाओं पर हुई सुनवाई

जानकारी के तहत गुरूवार को हाईकोर्ट में एक साथ सभी याचिकाओं पर सुनवाई की गई है। जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर ने याचिका में पंचायत चुनाव कराने को वर्षगत आधार पर चुनौती दी थी। सिंगरौली के लल्ला प्रसाद ने राज्य सरकार के अधिसूचना आदेश को चुनौती दी थी। नरसिंहपुर निवासी संदीप पटेल और भोपाल निवासी मनमोहन नागर ने 7 साल पुराने परिसीमन और आरक्षण पर चुनाव करवाने को चुनौती दी थी। सीनियर एडवोकेट और कांग्रेस लीडर विवेक तन्खा संविधान की धारा 243 सी और डी के उल्लंघन के आधार पर चुनौती दी थी।

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