MP : दीनदयाल अंत्योदय कार्यक्रम में परिस्थितियों के अनुरूप आवश्यक सुधार किए जाए

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दीनदयाल अंत्योदय कार्यक्रम की बैठक लेते हुए कहा कि प्रदेश में अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाकर आगे लाने के उद्देश्य से प्रदेश में दीनदयाल अंत्योदय कार्यक्रम शुरू किया गया था। वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप इसमें आवश्यक सुधार किए जाएं तथा इसका प्रदेश में प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

Update: 2021-07-09 23:35 GMT

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दीनदयाल अंत्योदय कार्यक्रम की बैठक लेते हुए कहा कि प्रदेश में अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाकर आगे लाने के उद्देश्य से प्रदेश में दीनदयाल अंत्योदय कार्यक्रम शुरू किया गया था। वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप इसमें आवश्यक सुधार किए जाएं तथा इसका प्रदेश में प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि दीनदयाल समितियों का मुख्य उद्देश्य है कि शासन की योजनाओं एवं कार्यक्रमों का जनता को समय से व ठीक ढंग से लाभ मिल जाए तथा यदि उसमें कोई दिक्कत आ रही है अथवा गड़बड़ी हो रही है तो उसकी सूचना ऊपर देना।

श्री चौहान आज मंत्रालय में दीनदयाल अंत्योदय कार्यक्रम संबंधी बैठक ले रहे थे। बैठक में वाणिज्यिक कर एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव मनोज गोविल, प्रमुख सचिव योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी गुलशन बामरा आदि उपस्थित रहे।

राज्य, जिला, नगर विकासखंड तथा ग्राम स्तरीय समितियों का होगा पुनर्गठन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में दीनदयाल समितियों का पुनर्गठन किया जाना है। ये समितियां राज्य, जिला, नगर, विकासखंड एवं ग्राम पंचायत स्तर पर होंगी। राज्य स्तरीय समिति में प्रत्येक जिले का एक प्रतिनिधि होगा। जिला स्तरीय समिति प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित होगीए नगर स्तरीय समिति में प्रत्येक वार्ड से एक प्रतिनिधि होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि दीनदयाल समितियां योजनाओं का प्रचार-प्रसार, हितग्राही चयन, हटाने की अनुशंसा, योजना का लाभ दिलाने में हितग्राही की मददए योजनाओं की क्रियान्वयन की मॉनीटरिंग करना तथा सामाजिक अंकेक्षण आदि का कार्य करेंगी।

दीनदयाल अंत्योदय कार्यक्रम के तहत 16 कार्यक्रम

एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम, ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में रोजगार मूलक कार्यक्रम।
भूमिहीन, सीमांत और लघु कृषकों के लिए पशुपालन कार्यक्रम का ग्रामोद्योग के रूप में विकास। आदिवासी, अनुसूचित जाति तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो को रोजगार हासिल कराने के लिए सामाजिक वानिकी और बिगड़े वनों के सुधार का कार्यक्रम। अतिक्रमित वन भूमि का नियमानुसार व्यवस्थापना और समग्र विकास। कुटीर उद्योगों और ग्रामोद्योगों का विकास। झुग्गी-झोपड़ी वासियों तथा ग्रामीण क्षेत्र में आवासहीन लोगों को सस्ती दरों पर भूखण्ड अथवा आवास उपलब्ध कराने का कार्यक्रम।  निराश्रितों की पेंशन के लिए कार्यक्रम। आदिवासी, अनुसूचित जाति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विशेष कल्याण कार्यक्रम। निरक्षरता निवारण कार्यक्रम तथा 6 से 14 वर्ष आयु समूह के बच्चों के लिए अनिवार्य और निःशुल्क प्राथमिक शिक्षा के कार्यक्रम। प्रत्येक ग्राम में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का कार्यक्रम। प्रत्येक ग्राम में बिजली पहुचाने का कार्यक्रम। जीवनधारा कार्यक्रम। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यक्रम। महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम। ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच मार्गों के निर्माण का कार्यक्रम शामिल हैं।

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