एमपी को मिला एक और तमगा, बना 'Wolf State Of India'

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पर्यावरण के साथ ही वन्यजीवों के संरक्षण के लिए सरकार सतत प्रयासरत है।

Update: 2022-04-02 05:27 GMT

Wolf State Of India: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पर्यावरण के साथ ही वन्यजीवों के संरक्षण के लिए सरकार सतत प्रयासरत है। ऐसे में वन्यजीवों का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है और परिणाम स्वरूप वन्यजीवों के बदौलत मध्य प्रदेश को कई बड़ी उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं। हाल के दिनों में वन्यजीवों की घटना के बाद मध्य प्रदेश को वुल्फ स्टेट का दर्जा प्राप्त हो गया है।

वन्यजीवों को पसंद है एमपी की आबोहवा

मध्य प्रदेश को वन्यजीवों का प्रदेश भी कहा जाने लगा है। यहां की आबोहवा वन्यजीवों को बहुत भा रही है। इसी का परिणाम है कि उनकी संख्या मे लगातार इजाफा हो रहा है। साथ ही सरकार द्वारा किए गए प्रबंध वन्यजीवों को बेहतर संरक्षण दे रहे हैं। शिकार की कमी और मध्य प्रदेश का वातावरण उनके कुनबे को बढ़ाने में मददगार साबित हो रहा है।

इन वन्यजीवों की संख्या है ज्यादा

जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश को टाइगर, तेंदुआ, घड़ियाल, गिद्ध तथा वुल्फ स्टेट कहा गया है। मध्यप्रदेश में भेड़ियों की संख्या ज्यादा होने से इसे बोलते स्टेट का दर्जा दिया गया है। हाल की गिनती में मध्यप्रदेश में 772 भेड़िए पाए गए हैं। वहीं की प्रजनन क्षमता विकसित करने तथा इनके बेहतर देखभाल के लिए गुल्फी स्टेट का दर्जा प्राप्त हुआ है।

देश में सबसे आगे है एमपी

जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में बढ़ रही वन्यजीवों की संख्या का आकलन इस बात से लगाया जा सकता है कि मध्यप्रदेश को देश के सबसे ज्यादा टाइगर, सबसे ज्यादा लेपर्ड, सबसे ज्यादा घड़ियाल और सबसे ज्यादा गिद्ध पाए जाने का विशेष दर्जा प्राप्त है।

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