MP : प्रदेश के 19 हजार पटवारी आंदोलन की राह पर, 4 अगस्त तक सामूहिक अवकाश, 10 से अनिश्चित कालीन हड़ताल

Bhopal / भोपाल। प्रदेश के 19 हजार पटवारियों ने अपनी मांगे पूरी करवाने के लिए आंदोलन की राह पकड़ ली है। आंदोलन की चेतावनी देते हुए पटवारी 2 से 4 अगस्त तक के लिए सामूहिक अवकाश पर है। मध्य प्रदेश पटवारी संघ का कहना है कि अगर इन तीन दिनों में सरकार उनकी मांगों की ओर ध्यान नही देती है तो वह 10 अगस्त से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जायेंगे। पटवारियों के अवकाश पर चले जाने से भू अभिलेख से जुडे काम ठप्प है। 

Update: 2021-08-03 18:18 GMT

Bhopal / भोपाल। प्रदेश के 19 हजार पटवारियों ने अपनी मांगे पूरी करवाने के लिए आंदोलन की राह पकड़ ली है। आंदोलन की चेतावनी देते हुए पटवारी 2 से 4 अगस्त तक के लिए सामूहिक अवकाश पर है। मध्य प्रदेश पटवारी संघ का कहना है कि अगर इन तीन दिनों में सरकार उनकी मांगों की ओर ध्यान नही देती है तो वह 10 अगस्त से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जायेंगे। पटवारियों के अवकाश पर चले जाने से भू अभिलेख से जुडे काम ठप्प है। 

समूहिक अवकाश कल तक 

मध्य प्रदेश पटवारी संघ के बैनर तले प्रदेश के 19 हजार पटवारी सामूहिक अवकाश पर हैं। मंगलवार को पटवारियों ने अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए जिला मुख्यालयों मे रैली निकाली और मांग पूरी करने नारे लगाए। साथ ही पटवारियों का कहना है कि अगर सरकार 6 दिनो के अंदर हमारी मांगों की ओर ध्यान नही देती हैं तो 10 अगस्त से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जायेंगे। 

25 जून से चल रहा विरोध 

जानकारी के अनुसार पटवारी 25 जून से चरणबद्ध तरीके से अपनी मांग मनवाने विरोध कर रहे है। विरोध के शुरूआती दौर में पटवारियों ने काली पट्टी बांधकर काम किया। बाद में भू अभिलेख के कार्य को छोड़कर सभी कार्यां का बाहिष्कार कर चुके हैं। 2 से 4 अगस्त तक सामूहिक अवकाश तथा इतना सब करने के बाद भी अगर सरकार मांगों की ओर ध्यान नही देती तो 10 से अनिश्चित कालीन हडताल शुर हो जायेगा। 

मांग पर एक नजर

मांगों के सम्बंध में जानकारी देते हुए पटवारी संघ ने बताया कि पटवारियों का ग्रेड पे 2800 करते हुए समय मान वेतनमान विसंगति को दूर किया जाए। उनकी गृह जिले में पदस्थापना हो। वर्तमान में कई पटवारियों को गृह जिले से सैकड़ों किलोमीटर दूर पदस्थ कर दिया गया है जो गलत है। वही तीसरी मांग के सम्बंध में बताया कि नवीन पटवारियों की सीपीसीटी की अनिवार्यता संबंधी नियम समाप्त किया जाए।

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