रीवा-सतना समेत 28 शहरों में 2035 के हिसाब से लागू होंगे मास्टर प्लान, अमृत योजना के तहत होगा कायाकल्प

केंद्र सरकार ने अमृत योजना (AMRUT Scheme) में शामिल सभी शहरों के मास्टर प्लान वर्ष 2035 के हिसाब से बनाने की गाइडलाइन दी है.

Update: 2021-11-18 04:56 GMT

AMRUT scheme

AMRUT Scheme: मध्यप्रदेश के रीवा, सतना, जबलपुर समेत 28 शहरों का कायाकल्प अमृत योजना (AMRUT Scheme) के तहत होगा. इसके लिए 2035 तक का मास्टर प्लान (Master Plan) बनाया जाएगा, जो अगले वर्ष यानि जनवरी 2022 से लागू हो जाएगा. 

पहले समझिये क्या है केंद्र की 'अमृत योजना'

अमृत योजना (AMRUT Scheme) का मकसद आमजन को सहूलियत देना है लेकिन विभागों के बीच सामंजस्य के अभाव के कारण आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. योजना का पूरा नाम अटल मिशन आफ रेजूवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफार्मेशन (ATAL MISSION FOR REJUVENATION AND URBAN TRANSFORMATION) यानी कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन है.

जनगणना के आधार पर मास्टर प्लान

अमृत योजना के तहत आने वाले शहरों का एक मास्टर प्लान तैयार किया जाएंगे. इस मास्टर प्लान में अस्पताल, स्कूल, खेल मैदान, कॉलेज, पुलिस, थाना पार्किंग, सीवरेज, ड्रेनेज, पेयजल, टेलीफोन, सड़क के लिए मानक तय होंगे. केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार शहरों के भविष्य के लिए बनाए जा रहे मास्टर प्लान जनगणना (Census) के आधार पर तैयार किए जाने हैं. आबादी व क्षेत्र के हिसाब से सुविधाओं का मानक निर्धारित होगा. वर्ष 2031 में जनगणना होगी, इसलिए 2035 के हिसाब से मास्टर प्लान तैयार हो रहे हैं. 

इन शहरों में 2035 तक मास्टर प्लान

इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, पीथमपुर, मुरैना, कटनी, सीहोर, विदिशा, खंडवा, छिंदवाड़ा, नीमच, उज्जैन, खरगोन, छतरपुर, होशंगाबाद, दमोह, नागदा, गुना, दतिया, सिंगरौली, बैतूल, भिंड, बुरहानपुर, मंदसौर, शिवपुरी, सिवनी, सतना को शामिल किया गया है. इन सभी शहरों के कायाकल्प का मास्टर प्लान 2035 के अनुसार तैयार किया जा रहा है.

भोपाल के मास्टर प्लान पर नहीं होंगे बदलाव

करीब नौ साल से बन रहा भोपाल का मास्टर प्लान जनवरी 2022 से लागू हो जाएगा. प्रस्तावित मास्टर प्लान 2031 के ड्राफ्ट में अब कोई बदलाव नहीं होगा. जबकि रीवा, सतना और जबलपुर समेत 28 शहरों के मास्टर प्लान वर्ष 2035 को ध्यान में रखकर बनाए जाएंगे. इनके ड्राफ्ट तैयार हो चुके हैं और प्रारंभिक प्लान का प्रकाशन भी हो चुका है. दावे-आपत्तियों का निराकरण होना बाकी है. भोपाल में पिछले 16 साल से मास्टर प्लान नहीं बना है. साल 2005 में जो मास्टर प्लान बना था, उसके अनुसार ही 2021 तक शहर का विकास हुआ.

पहली बार प्लान में सीवरेज, पाइपलाइन, टेलीफोन लाइन

केंद्र की गाइडलाइन के बाद नगर तथा ग्राम निवेश विभाग (T&CP) ने 28 शहरों के मास्टर प्लान के ड्राफ्ट लागू करने के बाद प्रकाशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पहली बार अगले 14 साल तक सुनियोजित विकास के हिसाब से लागू होने जा रहे मास्टर प्लान में केवल लैंड यूज नहीं, बल्कि पाइपलाइन, सीवरेज, टेलीफोन लाइन और बैंक-एटीएम जैसी सुविधाओं का जिक्र रहेगा. अभी तक एक जैसे मास्टर प्लान लागू नहीं थे.

Tags:    

Similar News