एमपी में आस्था को छूट / सभी धार्मिक स्थल खोलने के आदेश, एक समय में 50 लोग कर सकेंगे पूजा-अर्चना, ईदगाह पर अभी जारी रहेगी पाबंदी

भोपाल. कोरोना वायरस के चलते जारी लॉकडाउन के साथ ही प्रदेश भर में धार्मिक स्थलों पर भी पाबंदी लगा दी गई है. अब एमपी सरकार ने धार्मिक स्थलों में लगी पाबंदी हटाने का आदेश जारी कर दिया है. सभी धार्मिक स्थलों को खोलने के आदेश दे दिए गए हैं. लेकिन इसमें एक समय में 50 लोगों के ही पूजा अर्चना की शर्त रखी गई है. वहीं अभी ईदगाह पर लगी पाबंदी जारी रखने का फैंसला सरकार द्वारा लिया गया है. 

Update: 2021-07-20 11:03 GMT

भोपाल. कोरोना वायरस के चलते जारी लॉकडाउन के साथ ही प्रदेश भर में धार्मिक स्थलों पर भी पाबंदी लगा दी गई है. अब एमपी सरकार ने धार्मिक स्थलों में लगी पाबंदी हटाने का आदेश जारी कर दिया है. सभी धार्मिक स्थलों को खोलने के आदेश दे दिए गए हैं. लेकिन इसमें एक समय में 50 लोगों के ही पूजा अर्चना की शर्त रखी गई है. वहीं अभी ईदगाह पर लगी पाबंदी जारी रखने का फैंसला सरकार द्वारा लिया गया है. 

मस्जिदों में ही नमाज अदा कर सकेंगे 

एमपी के गृहमंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश भर के सभी धार्मिक स्थलों के आस्थालय प्रबंधन कमेटी को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ेगा. ईदगाह को लेकर अभी पाबंदी जारी रखने का फैंसला लिया गया है. बुधवार को होने वाली ईद उल अजहा की नमाज ईदगाह की बजाय मोहल्ले की मस्जिदों में ही अदा की जाएगी.

50 लोग पूजा अर्चना में शामिल हो सकेंगे 

गृह मंत्रालय ने सोमवार शाम को जारी किए आदेश में अपने 14 जुलाई को जारी आदेश को संशोधित करते हुए सभी धार्मिक स्थलों में एक समय में 50 लोगों के प्रवेश की अनुमति दी है. जारी आदेश के अनुसार सभी धार्मिक स्थलों में अब एक समय में 50 लोग जाकर पूजा, अर्चना, प्रार्थना, नमाज अदा कर सकते हैं, लेकिन इस दौरान संबंधित आस्थालय प्रबंधन कमेटी को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ेगा.

भोपाल के ईदगाह पहुँच मार्ग पर बैरिकेडिंग

जानकारी के अनुसार इस आदेश के जारी होने से पहले ही राजधानी भोपाल की ईदगाह पर पहुंचने वाले सभी रास्तों की बेरिकेडिंग शुरू कर दी गई थी. बुधवार को होने वाली ईद उल अजहा की नमाज मोहल्ले की मस्जिदों में ही अदा की जाएगी.

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजोरा ने इस आदेश में ये भी स्पष्ट किया है कि धर्म स्थलों में प्रवेश के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा.

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