CORONA Back : मौसम और लापरवाही बन रही है मुख्य वजह

रीवा। देश तथा प्रदेश सरकार के लगातार प्रयास के बाद भी कोरोना के मामलों में हो रही बेढोत्तरी से एक बार फिर कोरोना बैक होने की ओर इशारा कर रहा

Update: 2021-02-16 06:38 GMT

रीवा। देश तथा प्रदेश सरकार के लगातार प्रयास के बाद भी कोरोना के मामलों में हो रही बेढोत्तरी से एक बार फिर कोरोना बैक होने की ओर इशारा कर रहा है। लाकडाउन खुलने के बाद एक ओर जहां आम लोगों में लापरवाही बढी है तो वहीं बदल रहे मौसम में ज्यादा लोग बीमार पड रहे हैं।

सबसे ज्यादा मामले निमोनिया के आ रहे है। वहीं सर्दी जुकाम तथा बुखार के रोगी भी लगातार बढ रहे है। माना जा रहा है कि सर्दी के मौसम मे रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ जाती है और बीमार होने के साथ ही स्वास्थय सुधार में समय लगता है। ऐसे में कोरोना ग्रसित रोगी के सम्पर्क में आना काफी घातक सिद्ध हो रहा है।

बे-रोकटोक घूम रहे लोग

बिना काम घर से बाहर निकलने में मनाही होने के बाद भी आमजन बेखौफ होकर भ्रमण कर रहे हैं। हालत यह है कि शहर से लेकर गावांे मे लोगों की भारी भीड इकट्ठा हो रही है। त्यौहार तथा वैवाहिक समय होने से भी आवाजाही बढी है। बचाव की ओर न तो स्वयं आमजन ध्यान दे रहे हैं और न ही प्रशासनिक अमले द्वारा ही कोई प्रयास किया जा रहा है।

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वायु प्रदूषण दमा रेागियों के लिए घातक

सडकों पर वाहनों का प्रदूषण लगातार बढ रहा हैै। ऐसे में स्वांस रोगियों के लिए खतरा बढता जा रहा है। वैसे भी दमा के रोगियों के लिए सर्दी तथा वायु प्रदूषण काफी घातक होता है। वहीं दमा रोगी कोरोना की चपेट में आ जाता है तो सुधार की संभावना काफी कम हो जाती है।

निमोनिया की चपेट में सर्वाधिक वृद्ध और बच्चे

मौसम में आये दिन हो रहे परिर्वतन की वजह से निमोनिया के रोगियों में इजाफा हो रहा है। इसकी चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे और वृद्ध आ रहे हैंै। साथ ही सुगर से पीडित रोगियों के लिए यह मौसम उपयुक्त नही है। क्येांकि बच्चे रोगी और वृद्धों में रोग प्रतिरोधक छमता की कमी होती है। साथ ही सांस फूलने से शरीर मे आक्सीजन की कमी हो जाती है और शरीर के हर हिस्से में आक्सीजन की कमी होने लगती है। जो स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त नहीं है।

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