Best of Five Rule: दसवीं में बेस्ट ऑफ फाइव होगी समाप्त, छह विषयों में पास होना होगा अनिवार्य, समिति ने भेजा प्रस्ताव

MP Board Best of Five Scheme: मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education) की दसवीं परीक्षा में विद्यार्थियों का रिजल्ट बढ़ाने के लिए वर्ष 2017 में बेस्ट ऑफ फाइव योजना को लागू किया था।

Update: 2022-06-28 10:42 GMT

MP Board Best of Five Scheme 2023: माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education) की दसवीं परीक्षा में नवीन शैक्षणिक सत्र से बेस्ट ऑफ फाइव (Best of Five) समाप्त हो जाएगी। अब विद्यार्थियों को सभी 6 विषयों में पास होना अनिवार्य होगा। माध्यमिक शिक्षा मंडल की पाठ्यचर्चा समिति ने यह प्रस्ताव शासन के पास भेज दिया है। गौरतलब है कि मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education) की दसवीं परीक्षा में विद्यार्थियों का रिजल्ट बढ़ाने के लिए वर्ष 2017 में बेस्ट ऑफ फाइव योजना को लागू किया था। इस योजना के तहत दसवीं के 6 विषयों में 5 में पास होना अनिवार्य है। इस योजना के लागू होने के बाद अधिकांश विद्यार्थियों ने एक विषय के रूप में गणित व अंग्रेजी को पढ़ना बंद कर दिया था। इसे देखते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने दसवीं में बेस्ट आफ फाइव को समाप्त करने के लिए अक्टूबर 2020 में अनुशंसा की थी। लेकिन इसके बाद कोरोना के चलते इसे समाप्त करने पर विचार नहीं किया गया। अब एक बार फिर मंडल की पाठ्यचर्चा समिति की बीते मई माह माह में आयोजित बैठक में इसे दोबारा समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। मंडल की तरफ से बेस्ट आफ फाइव की कमियां गिनाते हुए उसे समाप्त करने की नस्ती मंत्रालय में भेज दिया गया है। जल्द ही बेस्ट आफ फाइव को लेकर शासन स्तर पर आदेश जारी कर दिया जाएगा।

क्या है कमियां

बेस्ट ऑफ फाइव (Best of Five) के के अंतर्गत छात्र 6 विषयों में से यदि एक विषय में पास नहीं है, परंतु अंकसूची के अनुसार वह उत्तीर्ण है तो वह आर्मी जीडी के फार्म को नहीं भर सकता। क्योंकि उस फार्म में विद्यार्थियों को विज्ञान, गणित व हिंदी जैसे विषयों में उत्तीर्ण होना जरूरी है। मप्र संचालित आईटीआई में भी यदि छात्र गणित व विज्ञान के साथ दसवीं उत्तीर्ण नहीं करता है तो कई ट्रेड्स में प्रवेश के लिए अयोग्य घोषित किया जाता है। छात्र जिस विषय में कमजोर है वह उस विषय की पढ़ाई नहीं करता। ऐसे विषयों में गणित, अंग्रेजी व विज्ञान विषय शामिल है। मुख्य विषयों का महत्व कम हो गया है। विद्यार्थी मुख्य परीक्षा के लिए पांच विषयों की तैयारी करता है। एक विषय को छोड़ देता है। कुछ विद्यार्थी तो ऐसे हैं जो कि चार विषयों की तैयारी करते हैं, पांचवा विषय पूरक परीक्षा के लिए छोड़ देते हैं। अन्य राज्यों में मप्र की हाईस्कूल मार्कशीट पर संदेह किया जाता है। बेस्ट फाइव के कारण गणित, अंग्रेजी, विज्ञान विषय उपेक्षित है।

वर्जन

नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद विद्यार्थियों का समग्र मूल्यांकन जरूरी है। नवीन शैक्षणिक सत्र की प्रवेश नीति को लेकर जल्द ही विभागीय अधिकारियों की बैठक आयोजित होगी। जिसमें विद्यार्थियों के हित में निर्णय निर्णय लेकर आदेश जारी किए जाएंगे।

इंदर सिंह परमार राज्य मंत्री स्कूल शिक्षा विभाग

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