बैंक कर्मियों की हड़ताल कैंसिल, 30 और 31 जनवरी को खुलेंगे बैंक

MP News: एमपी में बैंक कर्मियों की प्रस्तावित दो दिनों की हड़ताल कैंसिल हो गई है। जिसके चलते अब प्रदेश के बैंक 30 और 31 जनवरी को खुले रहेंगे।

Update: 2023-01-28 08:39 GMT

एमपी में बैंक कर्मियों की प्रस्तावित दो दिनों की हड़ताल कैंसिल हो गई है। जिसके चलते अब प्रदेश के बैंक 30 और 31 जनवरी को खुले रहेंगे। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के बैनर तले यह हड़ताल प्रस्तावित थी। जिसमें केन्द्र स्तर पर फाइव डे वीक समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई जिसके बाद हड़ताल कैंसिल करने का निर्णय लिया गया।

सामान्य दिनों की तरह होगा कामकाज

बैंक कर्मियों द्वारा गत दिनों प्रदर्शन भी किए जा चुके हैं। यूनियंस के को-आर्डिनेटर वीके शर्मा के मुताबिक मुंबई में उप मुख्य श्रमायुक्त श्रम मंत्रालय भारत सरकार मुंबई के कार्यालय में उप मुख्य श्रमायुक्त की उपस्थिति में यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के पदाधिकारियों और भारतीय बैंक संघ के अधिकारियों के बीच चर्चा हुई। जिसमें 30 और 31 जनवरी की बैंक हड़ताल का मुद्दा शामिल था। जिसमें भारतीय बैंक संघ की ओर से आश्वासन मिलने के उपरांत अखिल भारतीय बैंक की प्रस्ताव हड़ताल को स्थगित किए जाने का निर्णय लिया गया है। हड़ताल कैंसिल हो जाने के कारण 30 और 31 जनवरी को बैंकों में सामान्य दिनों की तरह कामकाज संचालित हो सकेगा।

लगातार चार दिन बैंक रहते बंद

बैंक कर्मियों की प्रस्तावित हड़ताल के चलते जहां 30 और 31 जनवरी को दो दिन बैंक रहते तो वहीं इसके पूर्व 28 एवं 29 जनवरी को शनिवार और रविवार होने के कारण दो दिन बैंकों के ताले नहीं खुलते। ऐसे में लगातार चार दिन बैंक रहने से लोगों को अपने बैंक संबंधी कामकाज निपटाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता। अब बैंक कर्मियों की हड़ताल कैंसिल हो जाने से लोगों ने राहत की सांस ली है। यहां गौरतलब है कि राजधानी में 300 ब्रांच के पांच हजार बैंक कर्मी हड़ताल पर जाने की तैयारी कर चुके थे। जबकि प्रदेश में 7 हजार बैंक ब्रांच के 25 हजार बैंककर्मी भी शामिल हैं।

इन मांगों को लेकर की थी हड़ताल की तैयारी

बैंक कर्मियों द्वारा जिन मांगों को लेकर हड़ताल की जानी थी उनमें पिछले सेवानिवृत्त बैंक कर्मियों की पेंशन अपडेशन करने, अवशिष्ट मुद्दों का निराकरण किए जाने, सप्ताह में पांच दिन की बैंकिंग लागू करने, बेहतर ग्राहक सेवा के लिए सभी संवर्गों में समुचित भर्ती करने, वेतन पुनरीक्षण के मांग पत्र पर शीघ्र वार्ता प्रारंभ करने, नई पेंशन योजना रद्द करने और पुरानी पेंशन योजना बहाल करना शामिल है।

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