मरने के बाद आत्मा के साथ क्या-क्या होता है, पढ़िए गरुड़ पुराण पाठ में लिखे महत्वपूर्ण चीजे...

अत्मा का क्या होता है। कोई इसे भ्रामक जानकारी की उममा देता है तो कोई इस पर पूरी तरह से विश्वास करता है। वह अपनी इस पौराणिक मान्यताओं को

Update: 2021-02-16 06:40 GMT

मरने के बाद आत्मा के साथ क्या-क्या होता है, पढ़िए गरुड़ पुराण पाठ में लिखे महत्वपूर्ण चीजे…

आज भी यह अबूझ पहेली ही बना हुआ है कि मरने के बाद शरीर को छोड़कर निकलने वाली अत्मा का क्या होता है। कोई इसे भ्रामक जानकारी की उममा देता है तो कोई इस पर पूरी तरह से विश्वास करता है। वह अपनी इस पौराणिक मान्यताओं को सर्वमान्य मानते हुए उसे स्वीकार करता है। उसी के अनुसार आचरण करने की प्रेरणा देता है। कोई इन पौराणिक बातों को माने या न माने लेकिन जानना वह भी चाहता है कि आखिर मरने के बाद आत्मा के साथ क्या-क्या होता है।

क्या गरुड़ पुराण जो मारने के बाद की आत्मा के साथ होने वाले व्यवहार के बारे मे ंबताता है वह सत्य है। लेकिन सबसे बडी बात तो यह है कि आज तक मरने के बाद कोई वापस आया नही जों यह बता सके कि गरुण पुराण की सभी बाते सत्य है या असत्य। फिर भी हम मानव के सारे संस्कार किसी न किसी धार्मिक मान्यता, रीति रिवाज के आधार पर पूरा किया जाता है। ऐसे में हम गरूण पूराण को भी नकार नही सकते हैं।

क्या है जीव के सम्बंध में प्रचलित कथा

अगर बात हिन्दू समाज की जाय तो इसमें जीव के मराने के बाद कई कार्य बताए गए है जो मृतक के परिजनो को करने होते है। क्योकि ऐसी मान्यता है कि परिजनों के ऐसा करने से मृतक जीव को राहत मिलती है। यमदूत परेशान नही करते है। कहा जाता है कि मरने के बाद जीव को अपने कर्म का फल भेागना पड़ता है। सारी सम्मपत्ति यही रह जाती है और अगर परिजन शस्त्र विधि से क्रिया कर्म नही करते तो जीव को कष्ट भेागना पडता है।

पापियो को मिलता है कष्ट

आमतौर पर कहा जाता है कि पाप कर्म करने वाले को मरने के बाद बहुत ज्यादा कष्ट भोगना पडता है। वही इसके विपरीत जो मनुष्य आपने जीवित अवस्था में अच्छे कर्म करता है तो उसे कष्ट नही मिलता है। यम के दूत दसे सीधे उसे सर्वग की ओर लेकर जाते हैं। जहां भागवान श्री मन्नारायण के लोक में जगह मिलती है और वह जीव यम ताड़ना से मुक्त हो जाता है। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि मरने के बाद पापियों की बहुत दुर्दशा होती है यमदूत किसी भी प्रकार की दया नहीं करते हैं।

गाय पार करवाती है वैतरणी

कहा जाता है कि यमलोक ले जाते समय यमदूत जीव को कई तरह से प्रताडित करते हैं। वही गरुड़ पुराण तथा प्रचलित कथाओं में बताया गया है कि मरने के बाद जीव को वैतरणी नदी पार करने होती है जो दर्गंध युक्त पस की होती है । उसे पार करने मे ंजीव को बहुत कष्ट होता है ऐसे मे ंअगर किसी के परिजन मृत्यु के बाद की क्रिया में गाय का दान करते हैं तो गाय उस जीव को वैतरणी पार करने मे ंमदत करी है। इसीलिए हिन्दू समाज में गौमाता को पूज्यनीय माना गया है।

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