Nag Panchami 2021 Date : कब है नागपंचमी, आखिर इस दिन क्यों पूजे जाते है नाग देवता, जानिए शुभ मुर्हूत

Nag Panchami 2021 Date : नाग पंचमी का त्यौहार साल में एक बार पड़ता हैं। इस दिन लोग विधि-विधान से नाग देवता की पूजा-अर्चना करते हैं और सालभर स्वयं की रक्षा करने का आर्शिवाद मांगते हैं।

Update: 2021-07-29 19:32 GMT

Nag Panchami 2021 Date : नाग पंचमी का त्यौहार साल में एक बार पड़ता हैं। इस दिन लोग विधि-विधान से नाग देवता की पूजा-अर्चना करते हैं और सालभर स्वयं की रक्षा करने का आर्शिवाद मांगते हैं। नागपंचमी का पर्व सावन मास में मनाया जाता हैं। इस पर्व का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व है। इस साल नागपंचमी का त्यौहार 13 अगस्त दिन शुक्रवार को पड़ रहा है। नाग पंचमी पर भक्त नाग देवता के साथ ही भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि विधि पूर्वक पूजा करने से लोगों को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि नाग पंचमी के दिन क्यों नागों की पूजा की जाती हैं। इसका क्या विशेष महत्व है।

शुभ मुर्हूत

हिन्दू पंचांगों की माने तो नाग पंचमी का पर्व सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की मनाया जाता हैं। इस साल पंचमी तिथि की शुरूआत 12 अगस्त 2021 दिन गुरूवार से दोपहर 3 बजकर 34 मिनट से होगी। जो 13 अगस्त दोपहर 1 बजकर 43 मिनट में समाप्त होगी। लिहाजा 13 अगस्त को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। नाग पूजन का शुभ मुर्हूत 13 अगस्त की सुबह 5.48 से 8.27 बजे तक रहेगा।

ऐसे करें पूजन

नागों को अपने गले में धारण करने के चलते ही भगवान शिव को काल का देवता कहा जाता है। नागपंचमी के दिन गृह, द्वार के दोनों तरफ सर्पाकृति गोबर से तैयार की जाती है। फिर उन्हें जल चढ़ाकर घी-गुड़ चढ़ाया जाता है। सूर्य देवता के अस्त होते ही मंदिरों व घर के कोनों में मिट्टी बर्तन में दूध रखा जाता है। शाम को आरती एवं पूजा की जाती हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान भोलेनाथ की आराधना करने से कालसर्प एवं पितृदोष से मुक्ति मिलती है। 

महत्व

मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन 12 नागों का स्मरण किया जाता है। ऐसा करने से भय का तत्काल नाश होता है। इन 12 नागों में से हर महीने एक नाग की पूजा करने का विधान हैं। मान्यता है कि नाग देव ऊं कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहाः मंत्र का जाप करने से धन लाभ होता होता हैं व सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।

नोट- बता दें कि यह आर्टिकल धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। जिसे जनसामान्य की रूचि को ध्यान में रखकर पेश किया गया है।
 

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