मप्र / भाजपा विधायक संजय पाठक पर कांग्रेस का फिर से एक्शन शुरू, 2 खदानें सील करने के बाद अब बांधवगढ़ स्थित रिसॉर्ट को तोड़ने का काम शुरू : KATNI NEWS

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Update: 2021-02-16 06:14 GMT

भोपाल/उमरिया. मध्य प्रदेश में 5 दिन से चल रहे सियासी ड्रामे के बीच यहां जिला प्रशासन ने भाजपा विधायक संजय पाठक के बांधवगढ़ स्थित रिसॉर्ट के एक हिस्से को बुलडोजर से तुड़वा दिया। रिसॉर्ट को तोड़ने की कार्रवाई अभी जारी है। 2 दिन पहले सरकार ने उनकी जबलपुर में आयरन की 2 खदानें सील कर दी थीं। भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने विधायक पाठक पर सरकार की कार्रवाई को बदले की भावना से बताया है।  

बांधवगढ़ स्थित रिसोर्ट में लगभग 2 एकड़ एरिया में अतिक्रमण की जानकारी सामने आ रही है। इस दौरान कलेक्टर स्वरुचि सोमवंशी भी मौके पर मौजूद रहीं। 

प्रदेश की राजनीति में इस समय जो चल रहा है उसमें भाजपा विधायक संजय पाठक की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी हॉर्स ट्रेडिंग के 5 जिम्मेदार नेताओं में संजय पाठक को भी बताया है। चर्चा है कि पाठक के चार्टर्ड प्लेन से कांग्रेस विधायक दिल्ली भेजे गए थे।

बुधवार को जबलपुर में खदान सील किए जाने के बाद चर्चा थी कि संजय पाठक ने गुरुवार देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की। लेकिन, शुक्रवार सुबह संजय पाठक ने ट्वीट कर मुलाकात का खंडन किया और राजनैतिक षड्यंत्र में हत्या की आशंका जताई थी। पाठक का कहना था कि मैं भाजपा में ही हूं। जिस तरह से सरकार उनके खिलाफ काम कर रही है उससे उनकी जान को खतरा है। पाठक के इस ट्वीट के बाद शनिवार सुबह प्रशासन ने उनके रिसॉर्ट का एक हिस्सा ढहा दिया।

खदानें सील करने के पीछे बताए कारण

मप्र की भाजपा सरकार में मंत्री रहे विधायक संजय पाठक की निर्मला मिनरल्स के नाम से जबलपुर के सिहोरा क्षेत्र में अगरिया और दुबियारा में आयरन की दो खदानें हैं। इन खदानों को जून 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जबलपुर कलेक्टर ने चालू करने के निर्देश दिए थे, लेकिन 6 महीने में अभ्यावेदन के साथ ही सारे कागजात जमा करने की शर्त लगाई थी। जबलपुर के कलेक्टर का कहना है- खदान संचालक निर्धारित समय में कागजात जमा नहीं कर पाए। इसलिए कार्रवाई की गई है।

विधानसभा अध्यक्ष से मिले नारायण त्रिपाठी

शनिवार दोपहर भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी विधानसभा अध्यक्ष से मिले। इससे पहले गुरुवार रात वे मुख्यमंत्री से मिले थे। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद त्रिपाठी ने कहा था कि वे भाजपा से इस्तीफा नहीं देंगे। शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात के दौरान उनकी क्या चर्चा हुई, इसकी जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है।

ऐंदल सिंह बोले- मेरी भाजपा से कोई भी बात नहीं हुई

मध्यप्रदेश की राजनीति में कांग्रेस व भाजपा के बीच मचे सियासी घमासान के बीच अचानक गायब हुए मुरैना क्षेत्र की सुमावली विधानसभा से विधायक ऐंदल सिंह कंषाना अंतत: मुरैना लौट आए। उन्होंने कहा कि मेरे छोटे भाई दिलीप कंषाना की पत्नी बीमार है और वह दिल्ली में भर्ती है। मैं उसे देखने के लिए ही दिल्ली गया था। मुझसे भाजपा के किसी भी नेता ने न खरीद-फरोख्त की बात की न किसी ने बंधक बनाया। मैं आज फिर दोहराना चाहता हूं कि मैं कांग्रेस का सच्चा सिपाही हूं और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मेरे आदर्श हैं। मैं हमेशा कांग्रेस के लिए ही काम करूंगा।

ऑफर दिए जाने की बात पर विधायक रामबाई बोलीं- मंत्री तो बनाना पड़ेगा रामबाई ने शनिवार को कहा कि मुझे ऐसा कोई ऑफर नहीं आया। किसी ने मुझसे कोई चर्चा भी नहीं की, मैं तो कांग्रेस वालों के पीछे हूं, हमारी बहनजी का समर्थन है। मंत्री बनने के सवाल पर कहा- ऐसी स्थिति है तो मंत्री कौन नहीं बनना चाहेगा। रामबाई ने कहा- इतना बड़ा झटका लगा है तो अब मंत्री बनाएंगे, ऐसा लग रहा है। कांग्रेस की ऐसी स्थिति है तो सरकार में हम 2 बसपा विधायकों को मंत्री बनाना चाहिए।

आज बेंगलुरु से लौटेंगे विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा

निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा आज भोपाल पहुंचेंगे और सीएम कमलनाथ के साथ मुलाकात करेंगे। शेरा 4 दिन से परिवार के साथ बेंगलुरु में थे। इसके पहले उन्होंने बयान दिया था कि वे कमलनाथ सरकार के साथ खड़े हैं। कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे पर अड़े रहने से सियासी संकट और भी गहरा गया है। इस सियासी तूफान के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अगले 2 दिनों के अपने सारे कार्यक्रम कैंसिल कर दिए हैं। संकट से निपटने के लिए कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह प्रबंधन में जुटे हैं।

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