KATNI जिले के 14 हजार से अधिक लोगो की शिवराज सरकार से पुकार, पढ़िए

KATNI जिले के 14 हजार से अधिक लोगो की शिवराज सरकार से पुकार, पढ़िएKATNI . लॉकडाउन के चलते कटनी जिले के 14 हजार से अधिक लोग अभी भी दूसरे

Update: 2021-02-16 06:20 GMT

KATNI जिले के 14 हजार से अधिक लोगो की शिवराज सरकार से पुकार, पढ़िए

KATNI . लॉकडाउन के चलते कटनी जिले के 14 हजार से अधिक लोग अभी भी दूसरे जिलों व प्रदेशों में फंसे हुए हैं। कारोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन से रोजी-रोटी छिन गई है। भरण-पोषण की समस्या है। ऐसे में अपनों से दूर लोग प्रशासन से सिर्फ घर वापसी की गुहार लगा रहे हैं। 4 हजार से अधिक लोग प्रदेशभर के कई जिलों में मजदूरी करने गए थे, जो फंस गए हैं वहीं विद्यार्थी भी फंसे हैं। जिससे अभिभावकों की जान सूखी हुई है।

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देश के 25 राज्यों में 9 हजार 916 लोग फंसे हुए हैं। सबसे ज्यादा मजदूर गुजरात-महराष्ट्र में फंसे हैं। आंधप्रदेश में 241, सिक्किम 1, बिहार 7, चंडीगढ़ 8, छत्तीसगढ़ 370, दमनदीप 71, दिल्ली 371, गोवा 232, गुजरात 2517, हरियाणा 594, हिमांचल प्रदेश 30, जम्मू काश्मीर 21, झारखंड 18, कर्नाटक 222, केरला 63, महाराष्ट्र 3383, ओडिशा 55, पंजाब 34, राजस्थान 758, तमिलनाडू 151, तेलंगाना 307, उत्तप्रदेश 427, उत्तराखंड 9 व वेस्टबंगाल में 25 लोग फंसे हैं। ये सभी वे लोग हैं जो सोशल मीडिया, फोन कॉल के माध्यम से घर आने के लिए गुहार लगा रहे हैं। राज्य सरकार के आदेश के बाद इन लोगों के घर वापसी की उम्मीद बंध गई है। वहीं जिला प्रशासन ने भी सर्वे का काम शुरू कर दिया है।

प्रदेश के 44 जिलों में फंसे हैं 4003 मजदूर

लॉकडाउन के चलते प्रदेशभर के 44 जिलों में कटनी जिले के 4003 से अधिक मजदूर फंसे हुए हैं। ये वे मजदूर हैं जो घर वापस आना चाहते हैं। इसमें शहडोल में 16, अनूपपुर 5, उमरिया 14, डिंडौरी 23, मंडला 15, बालघाट 10, छिदवाड़ा 10, सिवनी 3, भिंड 19, पन्ना 60, छतरपुर 4, ढीकमगढ़ 2, दमोह 657, सागर 1397, विदिशा 211, भोपाल 163, रायसेन 29, देवास 7, सिहोर 6, इंदौर 342, उज्जैन 48, आगर 1, साजापुर-राजगढ़ 5-5, अशोकनगर 134, गुना 2, ग्वालियर 17, श्योपुर 30, शिवपुरी 34, जबलपुर 513, नरसिंहपुर 31, खरगोन-बुरहानपुर में दो, मंदसौर में 2, रतलाम 4, नीमच 1, सतना 47, रीवा 27, सीधी 20, सिंगरौली 4, धार 6, अलीराजपुर में 13 लोग फंसे हैं।

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खास-खास- - प्रदेश के विद्यार्थियों को घर वापस लाने में खर्च होंगे 42 लाख 26 हजार 510 रुपये, 33 लाख से ऊपर बस, 2 लाख 80 हजार मास्क, सेनेटाइजर, 6 लाख के ऊपर भोजन में होंग खर्च। मजदूरों को अपने घर तक लाने के लिए 158 बसों की पड़ेगी जरूरत।

- इसी तरह दूसरे प्रदेशों में फंसे 9 हजार 916 मजदूरों व विद्यार्थियों को लाने के लिए 4 करोड़ 15 लाख 88 हजार 170 रुपये करने होंगे खर्च, 393 बसों से आ पाएंगे वापस, 3 करोड 15 लाख 88 हजार रुपये से अधिक बस में, 7 लाख भोजन, 26 लाख से अधिक मास्क और सेनेटाइजर में करने होंगे व्यय।

- जिले में अन्य प्रदेशों उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान, झारखंड, दिल्ली, पंजाब के फंसे हैं 160 लोग, इनको भेजने में पांच लाख रुपये करने पडेंगें खर्च, ग्राम पंचायतों से मंगाई गई है जानकारी, अभी और की जा रही अपडेट।

इनका कहना है बाहर फंसे विद्यार्थियों व मजदूरों को लाने के लिए राज्य सरकार के स्तर पर कार्रवाई चल रही है। ग्राम पंचायतों से जानकारी मंगवाई जा रही है कि कितने लोग बाहर फंसे हैं। साथ ही अन्य प्रांतों के जिले में फंसे लोगों का भी पता लगाया जा रहा है। शीघ्र ही घर वापसी के लिए पहल होगी। शशिभूषण सिंह, कलेक्टर।

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