Coronavirus : सतना, सीधी, शहडोल, रीवा और बालाघाट के 70 छात्रों को लखनऊ की कोचिंग से निकाला गया

चित्रकूट. कोरोना महामारी के बीच उप्र प्रशासन का लापरवाही पूर्ण रवैया सामने आया है। बताया गया कि कई महीनों से लखनऊ में

Update: 2021-02-16 06:17 GMT

चित्रकूट. कोरोना महामारी के बीच उप्र प्रशासन का लापरवाही पूर्ण रवैया सामने आया है। बताया गया कि कई महीनों से लखनऊ में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग करने वाले छात्रों को अचानक घर जाने को कह दिया गया, लेकिन न वाहन की व्यवस्था कराई गई न ही अन्य सुविधाएं दी। लिहाजा गुरुवार को वे उत्तर प्रदेश क्षेत्र से 15 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर एमपी के सेमरिया मोड़ तक पहुंचे। जैसे ही ७० छात्र पहुंचे तो एमपी ऐरिया में हड़कंप मच गया। स्थानीय प्रशासन ने जब छात्रों से पूछताछ की तो चौकाने वाले खुलासे हुए। बातचीत में छात्रों ने बताया कि हम सभी सतना, सीधी, शहडोल, रीवा और बालाघाट जिले के रहने वाले है। फिर प्रशासन ने सभी छात्रों को सदगुरु अस्पताल ले जाकर जांच करवाई। इसके बाद खाद सामग्री की व्यवस्था कराते हुए प्रशासन ने सभी को बस से गंतव्य तक स्थान के लिए भेज दिया है।

सद्गुरु चिकित्सालय जानकीकुंड में सभी की टेस्टिंग कराई गई। इस दौरान मझगवां की स्वास्थ्य टीम भी मौजूद रही। इसके बाद छात्रों को मझगवां लाया गया। जहां पर सद्गुरु ट्रस्ट द्वारा सभी की भोजन व्यवस्था कराई गई। इस दौरान नायब तहसीलदार गणेश देशभृतार, सीएमओ चित्रकूट रमाकांत शुक्ला, डॉ. इलेश जैन, प्रभात सिंह समेत सद्गुरु चिकित्सालय का स्टाफ मौजूद रहा।

तीर्थक्षेत्र के भिखारियों को कराया भोजन चित्रकूट. संकट की घड़ी में सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के डॉ. इलेश जैन ने तीर्थक्षेत्र के भिखारियों को भोजन मुहैया कराने का निर्णय लिया है। बताया कि लॉकडाउन के चलते यहां न तो श्रद्धालु पहुंच रहे हैं न ही क्षेत्र की दुकानें खुली हैं। लिहाजा, तीर्थ क्षेत्र में कोई भूखा न रहे, इसलिए गुरुवार को एक सैकड़ा लोगों को भोजन दिया गया। सिलसिला तब तक चलेगा, जब तक बंद रहेगा।

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