केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय में 12,000 से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली, भर्ती प्रक्रिया जारी जाने कब से शुरू होंगे आवेदन
शिक्षा मंत्रालय ने बताया है कि केंद्रीय विद्यालयों (KVS) और नवोदय विद्यालयों (JNVs) में 12,088 शिक्षकों के पद खाली हैं. भर्ती प्रक्रिया चल रही है और अस्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो.;
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केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय में शिक्षकों की भारी कमी: भारत के केंद्रीय सरकारी स्कूलों, केंद्रीय विद्यालयों (KVs) और जवाहर नवोदय विद्यालयों (JNVs) में 12,000 से भी ज्यादा शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं. यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने 23 जुलाई 2025 को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में दी है. शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) में 7,765 पद और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) में 4,323 पद अभी भी खाली हैं. इस तरह, केंद्रीय स्कूलों में खाली शिक्षकों के पदों की कुल संख्या 12,088 हो गई है, जो एक बड़ी चुनौती है.
शिक्षक की कमी के क्या कारण हैं?
केंद्रीय स्कूलों में शिक्षक क्यों नहीं हैं? शिक्षा मंत्री ने बताया है कि शिक्षकों के खाली पदों के पीछे कई कारण हैं. इनमें नए स्कूल खोलना, शिक्षकों की सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट), पदोन्नति (प्रमोशन), स्थानांतरण (ट्रांसफर), इस्तीफे और अन्य प्रशासनिक कारण शामिल हैं. यह एक जटिल समस्या है, क्योंकि इन सभी कारकों का एक साथ असर होता है, जिससे समय-समय पर खाली पदों की संख्या बढ़ती रहती है. सरकार इन कारणों को समझती है और उन्हें दूर करने के लिए प्रयास कर रही है.
शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है, अस्थाई नियुक्ति जारी
केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षक भर्ती कब होगी? सरकार ने आश्वासन दिया है कि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया लगातार जारी है. केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) दोनों ही अपने मौजूदा भर्ती नियमों के अनुसार नियुक्तियां कर रहे हैं. हालांकि, स्थायी नियुक्तियों में समय लगता है, इसलिए छात्रों की पढ़ाई में किसी भी तरह की रुकावट को रोकने के लिए अस्थायी तौर पर अनुबंध शिक्षकों (contractual teachers) को नियुक्त किया जा रहा है. यह सुनिश्चित करता है कि कक्षाओं में शिक्षक मौजूद रहें और बच्चों की शिक्षा जारी रहे.
अन्य प्रमुख शिक्षा निकायों में भी स्टाफ की कमी
शिक्षकों की कमी का यह संकट केवल KVS और NVS तक ही सीमित नहीं है. देश के अन्य प्रमुख शिक्षा निकायों में भी कर्मचारियों की कमी है. उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) में ग्रुप A के 143 अकादमिक पद खाली पड़े हैं. इसी तरह, नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) में भी 60 कर्मियों की कमी है. शिक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं कि छात्रों की पढ़ाई का नुकसान न हो. यह दिखाता है कि सरकार पूरे शिक्षा क्षेत्र में मानव संसाधन की कमी को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है.
सरकार का दावा – प्रक्रिया तेज, छात्रों की पढ़ाई नहीं रुकेगी
शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि छात्रों की शिक्षा प्रभावित न हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। भर्ती प्रक्रिया को गति दी जा रही है ताकि जल्द से जल्द योग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति हो सके।