मप्र सरकार ने भी बढ़ाए पेट्रोल के दाम, डीजल के रेट में भी लगी 'आग'

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Update: 2021-02-16 06:08 GMT

भोपाल। केंद्र का बजट आते ही शनिवार को पेट्रोल-डीजल के दामों में उछाल आ गया। केंद्र और राज्य सरकारों ने उपभोक्ताओं को डबल झटका देते हुए पेट्रोल के दाम में करीब 4 रुपए 56 पैसे और डीजल के दाम में करीब 4 रुपए 37 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव के मुताबिक, अब मप्र में पेट्रोल व डीजल के औसत दाम क्रमशः 79.95 व 71.49 रुपए प्रति लीटर होंगे, जो कि प्रदेश में हर शहर में वहां की मौजूदा कीमतों के हिसाब से अलग-अलग होंगे। बढ़े हुए दाम शनिवार सुबह छह बजे से लागू होंगे।

कारण 1. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बजट में पेट्रोल और डीजल पर 2-2 रुपए सेस और विशेष एक्साइज ड्यूटी लगाने की घोषणा की। इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतें करीब ढाई रुपए बढ़ रही थीं।

2. केंद्र के फैसले के बाद राज्य सरकार ने भी देर रात पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ाने का फैसला किया और दोनों ईंधन पर दो रुपए प्रति लीटर अतिरिक्त शुल्क लगा दिया।

राज्य सरकार का तर्क जब केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल में ड्यूटी घटाते हुए राज्य से ड्यूटी कम करने के लिए कहा था तब प्रदेश में भी लोकहित में ड्यूटी घटाई गई थी। इसके कारण राज्य को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा था। अब केंद्र ने ड्यूटी बढ़ाई तो राज्य सरकार भी नुकसान नहीं झेल सकती।

नुकसान की भरपाई में जुटी सरकार सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार से मिलने वाले केंद्रीय करों के हिस्से में 2677 करोड़ों रुपए की कटौती होने के बाद राज्य सरकार इसकी भरपाई में जुट गई है। सरकार को होगी 700 करोड़ रुपए की कमाई 2 रुपए अतिरिक्त शुल्क बढ़ाने से राज्य सरकार को सालाना करीब 700 करोड़ रुपए की आय होगी।

केंद्र बनाम राज्य - जानकारों के मुताबिक, केंद्र सरकार द्वारा टैक्स बढ़ाए जाने का फायदा राज्य सरकार को नहीं हो रहा था। सेस और स्पेशल एक्साइज ड्यूटी से जो राजस्व केंद्र सरकार वसूलती है, उसे राज्य सरकारों को नहीं देती।

- पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक्त राजस्व आने के बावजूद जब राज्य सरकार को फायदा होते नहीं दिखा तो उसने अपनी तरफ से टैक्स में इजाफा कर दिया।

- यह पहली बार नहीं है। 2018 में भी केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल से 8 रुपए प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी कम कर 8 रुपए प्रति लीटर रोड सेस लगा दिया था। एक्साइज ड्यूटी में कमी होने की वजह से मप्र सरकार को सालाना एक हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। एक्साइज ड्यूटी केंद्रीय करों में शामिल है औेर इसका 42 फीसदी हिस्सा राज्य सरकारों को देना होता है। उस समय राज्य में भी भाजपा की ही सरकार थी इसलिए वह इसका विरोध नहीं कर पाई थी।

इंदौर में पेट्रोल-डीजल के संभावित रेट(रुपए प्रति लीटर में)

ईंधन--5 जुलाई--6 जुलाई—अंतर

पेट्रोल—73.69--78.25--4.56

डीजल—65.73--70.10--4.37

(नोट : वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव के मुताबिक हर शहर में पेट्रोल-डीजल की कीमत अलग-अलग होगी। 5 जुलाई के रेट भोपाल के हैं।)

मप्र में औसत कीमत

पेट्रोल : 79.95 रुपए प्रति लीटर

डीजल : 71.50 रुपए प्रति लीटर

पिछले सात साल में पेट्रोल-डीजल से राज्य सरकार की कमाई

वर्ष--कुल आय (करोड़ रुपए में)

2010-11–3524.51

2011-12–4202.35

2012-13–4923.42

2013-14–5861.55

2014-15–6504.16

2015-16–7213.36

2016-17–8903.47

2017-18--9252.14

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