Sadhvi Pragya Singh पर चुनाव आयोग ने लगाया 72 घंटे का प्रतिबंध, जानिए वजह...

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Update: 2021-02-16 06:06 GMT

भोपाल, इंदौर। चुनाव आयोग ने भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर 72 घंटे के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। यह अवधि गुरुवार सुबह छह बजे से शुरू होगी। इस दौरान वे आमसभा, रोड शो, जुलूस, साक्षात्कार और मीडिया में बयानबाजी नहीं कर सकेंगी। ठाकुर पर यह कार्रवाई शहीद हेमंत करकरे और बाबरी मस्जिद गिराने को लेकर दिए बयान पर की गई है। साथ ही चेतावनी भी दी गई है कि भविष्य में इस तरह के बयान का दोहराव न हो।

लोकसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश में किसी प्रत्याशी के खिलाफ यह पहली कड़ी कार्रवाई की है। वहीं चुनाव आयोग ने सीएम कमलनाथ के 14अप्रैल को खंडवा जिले के हरसूद में दिए गए बयान को आचार संहिता का उल्‍लंघन नहीं माना है जबकि 3 अप्रैल को मंत्री पीसी शर्मा के भोपाल में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधन के दौरान दिए बयान बूथ जिताओ नौकरी पाओ के मामले में एफआईआर के बाद किसी अन्‍य एक्‍शन की आवश्‍यकता नहीं जताई है।

इधर सेना पर बयान के मामले में पूर्व सीएम शिवराज सिंह को नोटिस दिया गया है जबकि इंदौर में खजराना गणेश को चोले के रुप में पार्टी का झंडा चढ़ाने पर भाजपा प्रत्‍याशी शंकर लालवानी से भी जवाब मांगा गया है। आचार संहिता उल्लघंन के मामले में कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने दोनों को नोटिस जारी किए हैं।

साध्वी प्रज्ञा ने 18 अप्रैल को मुंबई में आंतकी हमले में शहीद एटीएस चीफ हेमंत करकरे को लेकर अपमानजनक बात कही थी। इसके बाद उन्होंने 20 अप्रैल को बाबरी मस्जिद ढांचा गिराने को लेकर बयान दिया। जिला निर्वाचन अधिकारी भोपाल ने उन्हें नोटिस देकर जवाब मांगा था। 21 अप्रैल को उन्होंने शहीद हेमंत करकरे को लेकर दिए बयान पर कहा कि मैंने किसी शहीद की शहादत के बारे में अपमानजनक बात नहीं की। मेरे वक्तव्य को एक पंक्ति के आधार पर नहीं देखना चाहिए। मैंने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के निर्देश पर मुझे जो यातनाएं दी गईं, सिर्फ उनका उल्लेख किया था, जो मेरा अधिकार है। जनभावना का सम्मान करते हुए बयान को वापस भी ले लिया।

इसी तरह बाबरी मस्जिद गिराने को लेकर उन्होंने कहा कि मैंने किसी जाति, धर्म, समुदाय, भाषा के माध्यम से उन्माद या धार्मिक भावनाओं को आहत करने या ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से बयान नहीं दिया। बयान मेरी स्वयं की अंतरआत्मा की आवाज को व्यक्त करता है। इसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने भोपाल में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज कराई।

बयान धार्मिक उन्माद बढ़ाने वाले रहे चुनाव आयोग के सचिव बीएस जोशी ने बुधवार को जारी अपने आदेश में कहा कि बिना किसी पूर्वाग्रह के साध्वी प्रज्ञा से जुड़े सभी तथ्यों को देखा गया। इसमें पाया गया कि उनके बयान उकसाने और धार्मिक उन्माद को बढ़ाने वाले रहे। मीडिया में होने की वजह से यह सिर्फ भोपाल संसदीय क्षेत्र तक सीमित नहीं रहे। बयानों से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता है इसलिए चेतावनी दी जाती है कि इस तरह के बयान का भविष्य में दोहराव न हो। साथ ही 72 घंटे तक पब्लिक मीटिंग, रैली, रोड शो, जुलूस, साक्षात्कार और मीडिया के किसी भी माध्यम के जरिए बयानबाजी पर प्रतिबंध रहेगा।

फैसले का स्वागत, नामांकन रद्द हो: दिग्विजय भोपाल लोकसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सांप्रदायिक विद्वेष की राजनीति करने वालों तथा आतंकवाद के आरोपितों को जब उम्मीदवार बनाएगी तब ऐसा होना स्वाभाविक है। आदर्श लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना व संरक्षण के लिए इस प्रकार के प्रत्याशियों का नामांकन रद्द करना श्रेयस्कर होगा।

ये कहा था साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 18 अप्रैल- गांधीनगर में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा था कि 'मैं हेमंत करकरे से बोली थीं कि तेरा सर्वनाश होगा और सवा माह बाद उसे आतंकियों ने मार दिया, उस दिन सूतक का अंत हो गया।

19 अप्रैल- शहीद हेमंत करकरे को लेकर दिए बयान पर बवाल मचने पर उन्होंने सफाई दी और कहा कि यह मामला मेरी पीड़ा से जुड़ा हुआ है। मेरे बयान से दुश्मनों को बल मिलता हो तो बयान वापस लेती हूं।

20 अप्रैल- शनिवार को अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने को विशेष बातचीत में विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि विवादित ढांचे को मैं तोड़ने गई थी। ढांचे पर चढ़कर उसे तोड़ा। ढांचा तोड़ने का मुझे भंयकर गर्व है। ईश्वर ने मुझे अवसर और शक्ति दी थी, इसलिए मैंने यह काम किया। मैंने देश का कलंक मिटाया था।

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