मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार को खुली चुनौती, 32 सीटर बस में वृद्धो से भरे 150 मोतियाबिंद रोगियों को भरकर ले गये फिर....: MP NEWS

मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार को खुली चुनौती, 32 सीटर बस में वृद्धो से भरे 150 मोतियाबिंद रोगियों को भरकर ले गये फिर....: MP NEWS

Update: 2021-02-16 06:48 GMT

मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार को खुली चुनौती, 32 सीटर बस में वृद्धो से भरे 150 मोतियाबिंद रोगियों को भरकर ले गये फिर….: MP NEWS

इंदौर (MP NEWS) । कभी नगर निगम तो अब प्रदेश के स्वास्थ्य अमले की लापरवाही सामने आई है। वहीं पूर्व में ननि इंदौर की हरकत के बाद प्रदेश के मुखिया ने कार्रवाई करते हुए कई अधिकारियों निलंबित कर दिया था तो वहीं शख्त लहजे में कहा था कि अगर इस तरह दोबारा हुआ तो दोषियों पर शख्त से शख्त कार्रवाही की जायेगी।

विगत दिनों एक बार फिर इंदौर जिले से हीं वृद्धों को अपमाननित करने का मामला सामने आया है। जिसमे मोतियाबिंद के आपरेशन के लिए 32 सीटर बस में 150 लोगों को भेड बकरी की तरह ठूंस-ठूंस कर भरा गया और उन्हे अस्पताल ले जाया गया। स्वास्थ्य अमले की इस हरकत से एक बार फिर पूरा प्रदेश शर्मसार हुआ है।

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जानकारी के अनुसार देपालपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में गांव के गरीब वृद्धो के आंखों का परीक्षण किया गया था। जिसमें मोतियाबिंद के रोगियों को चिन्हित कर उन्हे आपरेशर के लिए चोइथराम अस्पताल देपालपुर ले जाना था। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से चोइथराम अस्पताल ले जाने के लिए जिले के स्वास्थ्य महकमें ने एक 32 सीटर बस का इंतजाम किया। लेकिन लापरवाह प्रशासनिक अमला यह भूल गया कि इस 32 सीटर बस में 150 वृद्धों को कैसे लेजाया जायेगा।

बताया जाता है कि गरीबी और अवस्था के मारे इन वृद्धों को स्वास्थ्य अमले ने भेड बकरियों की तरह लादकर रवाना कर दिया। बताया जाता है कि करीब 40 किलोमीटर का सफर तय किया गया। ऐसे में कई को चोट भी पहुंची है। तो वही कई लोगों ने बताया कि वह बस में गिर गये थे। बस मे पैर रखने की जगह नही थी।

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वही जब इस सम्बंध में बस के ड्राइवर तथा कंडक्टर से बात की गई तो उनका साफ तौर पर कहना था कि हमने किसी को नहीं बैठाया। सभी बुजुर्ग अपनी स्वेछा से बस में बैठ गये थे। उन्हे उतरने के लिए कहा गया लेकिन कोई सुनने के लिए तैयार नही हुआ। वही बस में सवार वृद्धों ने इससे अलग ही कहानी बता रहे हैं। उनका कहना है कि हम आंख बनवाने गये थंे। जब कोई और वाहन ही नहीं था तो हम क्या करते।

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जानकारी के अनुसार इसके पहले भी मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आ चुकी है। जब इंदौर के नगर निगम ने स्वच्छता में अपनी रैंकिंग बनाए रखने के लिए शहर के गरीब बुजुर्ग भिखरियों को आवारा मवेशी भरने वाले ट्रक में भरकर शहर के बाहर भेज दिया था। जिसकी चारो ओर निंदा होने तथा मामले की जनकारी प्रदेश के मुखिया को होने के बाद सभी को वापस ला कर रैन बसेरा तथा आश्रय स्थलों में रखा गया।

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