MP: ये 5 बनें थे विस चुनाव में रिकॉर्डतोड़ जिताऊ चेहरे, एक कांग्रेस से भी शामिल, जानिए कौन-कौन है लिस्ट में शामिल...

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Update: 2021-02-16 06:00 GMT

मध्य प्रदेश में तेजी से गर्माते चुनावी माहौल के बीच टिकटों की दावेदारी को लेकर अंदरखाने चर्चाओं के दौर चल रहे हैं। जिताऊ चेहरों की तलाश में हर पार्टी यह देख रही है कि उसके हाथ में कितने ट्रम्प कार्ड हैं जिन्हें कोई ताकत काट नहीं सकती। राजनीतिक दलों के तरह-तरह के सर्वे हो रहे हैं और पता लगाया जा रहा है कि कहां कैसे उम्मीदवार फिट करने हैं। यह भी देखा जा रहा है कि पिछले चुनाव में किन प्रत्याशियों ने बड़ी जीत दर्ज की थी।

2013 के विधानसभा चुनाव परिणामों के आधार पर यह जानना दिलचस्प होगा कि तब पांच सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वाले नेता कौन और किस पार्टी के थे? चुनाव आयोग से प्राप्त डाटा के मुताबिक, इंदौर-2 से भाजपा के रमेश मेंदोला सबके 'दादा' साबित हुए थे। उन्होंने 91,017 वोटों से जीत दर्ज की थी। मेंदोला ने कांग्रेस के छोटू शुक्ला को 91,017 वोटों से मात दी थी। सबसे बड़ी पांच जीत हासिल करने वालों में भाजपा के चार विधायक रहे, जबकि कांग्रेस से एकमात्र नाम पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे राजवर्धन सिंह का था। 11 विधायक ऐसे रहे, जिनकी जीत का अंतर 50 हजार से ज्यादा था। इसमें भी 10 प्रत्याशी भाजपा के थेः -

2013 की 5 सबसे बड़ी जीत, कांग्रेस से सिर्फ जयवर्धन सिंह का नाम

1. रमेश मेंदोला (भाजपा) : इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 2 से रमेश मेंदोला ने कांग्रेस के छोटू शुक्ला को 91,017 वोटों से हराया था। मेंदोला को जहां 1 लाख 33 हजार 669 वोट मिले थे, वहीं छोटू शुक्ला के खाते में महज 42 हजार 652 मत पड़े थे। इंदौर-2 में कुल 2,84,804 मतदाता हैं, जिनमें से 71.6 फीसदी के वोट मेंदोला को मिले थे।


2. शिवराज सिंह चौहान (भाजपा) : 2013 में सबसे बड़ी जीत के मामले में प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दूसरे नंबर पर रहे थे। शिवराज ने बुधनी से कांग्रेस के डॉ. महेंद्र सिंह चौहान को 84, 805 मतों से मात दी थी। शिवराज को 1 लाख 28 हजार 730 वोट मिले थे, जबकि महेंद्र सिंह को 43,925 वोट से संतोष करना पड़ा था। यहां 2,29,396 मतदाता हैं, जिनमें से 69.99 फीसदी ने शिवराज पर भरोसा जताया था।


3. बाबूलाल गौर (भाजपा) : पार्टी के 75+ फॉर्मूले से खफा चल रहे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर 2013 में तीसरे नंबर पर थे। गौर ने गोविंदपुरा सीट से कांग्रेस के गोविंद गोयल को 70,644 वोट से हराया था। गौर को 1 लाख 16 हजार 586 वोट मिले थे, जबकि गोयल के पक्ष में 45,942 मत पड़े थे। गोविंदपुरा में कुल मतदाताओं की संख्या 2,97,061 है, जिनमें से 64.34 फीसदी का समर्थन गौर को मिला।


4. रामेश्वर शर्मा (भाजपा) : 2013 की चौथी सबसे बड़ी जीत भी भाजपा के नाम रही। हुजूर विधानसभा से रामेश्वर शर्मा ने कांग्रेस के राजेंद्र मंडलोई को 59,604 वोट से हराया था। शर्मा को 1,08,994 वोट मिले थे, वहीं मंडलोई को 49,390 लोगों ने अपना वोट दिया था। इस विधानसभा में 2,55,309 कुल वोटर्स हैं, जिनमें से 65.48 फीसदी ने शर्मा को वोट दिया।


5. जयवर्धन सिंह (कांग्रेस) : 2013 की 5 सबसे बड़ी जीत के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने कांग्रेस की लाज बचाई। पांचवें पायदान पर रहे जयवर्धन (कुल 98,041 वोट) ने राघौगढ़ सीट से भाजपा के राधेश्याम धाकड़ (कुल 39,837 वोट) को 58,204 मतों से हराया था। इस सीट पर 1,94,024 मतदाता हैं, जिनमें से 66.02 फीसदी ने जयवर्धन का समर्थन किया।


50 हजार से ज्यादा वोटों से जीत

2013 में कुल 11 विधायक ऐसे रहे, जिन्होंने 50 हजार से ज्यादा के अंतर से जीत दर्ज की। रमेश मेंदोला, शिवराज सिंह चौहान, बाबूलाल गौर, रामेश्वर शर्मा और जयवर्धन सिंह के अलावा इंदौर-1 से भाजपा के सुदर्शन गुप्ता (54,176 वोट से जीत), जबलपुर केंट से भाजपा के अशोक रोहाणी (53,741 वोट से जीत), रेहली से भाजपा के गोपाल भार्गव (51,765 वोट से जीत), राजगढ़ से भाजपा के अमर सिंह यादव (51,211 वोट से जीत), पिपरिया से भाजपा के ठाकुर दास नागवंशी (51,157 वोट से जीत) और देवास से भाजपा के ही तुकोजीराव पंवार (50,119 वोट से जीत) इस लिस्ट में शामिल हैं।

अब आगामी चुनाव में देखना दिलचस्प होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में भी पार्टी टिकट हासिल हुआ तो कितने विजेता अजेय बने रहेंगे? इनमें से कौन से उम्मीदवार अपने रिकॉर्ड को बेहतर बना सकेंगे।

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