MP: भाजपा के पूर्व मंत्री एवं दिग्गज नेता बोले, 'अब हमारी सरकार नहीं है, कोई अफसर नहीं सुनेगा...'

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Update: 2021-02-16 06:03 GMT

राफेल मुद्दे पर ज्ञापन देने की बात पर कैलाश विजयवर्गीय ने ली चुटकी इंदौर। राफेल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा ने कल इंदौर में धरना आंदोलन किया। जब ज्ञापन देने की बारी आई तो मजेदार वाकया हुआ। नगर अध्यक्ष गोपी नेमा ने कैलाश विजयवर्गीय से कहा कि किसी अधिकारी को बुलवा लेते हैं। इस पर विजयवर्गीय बोल पड़े- हमारी सरकार चली गई है, अब कोई अफसर ज्ञापन लेने आ रहा है क्या...अब नहीं सूनने वाले ?

कांग्रेस की घेराबंदी करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जिला इकाइयों पर धरना आंदोलन रखा था। इंदौर एक दिन पहले सभी को धरने में मौजूद रहने का आग्रह किया था, लेकिन महापौर मालिनी गौड़, विधायक रमेश मेंदाला, आकाश विजयवर्गीय, उषा ठाकुर और पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, मनोज पटेल व राजेश सोनकर नहीं पहुंचे। धरने में भाजपा नेताओं ने दो घंटे जमकर भाषणबाजी की।

आखिर में राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन देने की बात आई। इस पर नगर अध्यक्ष नेमा ने विजयवर्गीय से कहा कि कलेक्टर से बात करते हैं, वे ज्ञापन लेने आ जाएं। ये सुनकर विजयवर्गीय पहले तो मुस्कुराए और बाद में बोले कि अब कोई नहीं आने वाला है, सरकार चली गई है। सच्चाई सुनकर नेमा भी चौंक गए। बाद में तय हुआ कि कुछ प्रमुख नेता जाकर ज्ञापन देंगे। जैसे ही टीम प्रशासनिक संकुल पहुंची, वैसे ही कलेक्टर निशांत वरवड़े आ गए।

उस दौरान विधायक महेंद्र हार्डिया व युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष मनस्वी पाटीदार का हाथ पकड़कर कुछ सिपाहियों ने पीछे धकेल दिया। इस पर पांच नंबरी नेता राजा कोठारी ने बोल दिया कि सरकार चली गई तो पहचान भी भूल गए क्या... बाबा विधायक हैं, कैसी हरकत कर रहे हो? ये सुनकर वरवड़े ने सिपाहियों को हटा दिया। ज्ञापन लेने के तुरंत बाद वे अपने कमरे में रवाना हो गए। इधर, विजयवर्गीय ज्ञापन देने नहीं गए वे धरने के बाद गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए थे।

दावे बड़े-बड़े, पहुंचे अकेले धरने को लेकर जब नगर भाजपा की ओर से संख्या ली गई थी तो बड़े -बड़े आकड़े लिखा गए थे, लेकिन अधिकांश नेता अकेले या बाइक पर एक कार्यकर्ता को बैठाकर पहुंचे। कई नेता भी गायब थे, जबकि धरना नगर व ग्रामीण का संयुक्त था।

पहुंचने वालों में प्रमुख कृष्णमुरारी मोघे, मधु वर्मा, गोपालसिंह चौधरी, गणेश गोयल, घनश्याम शेर, कमल वाघेला, जेपी मूलचंदानी, हरप्रीत सिंह बक्शी, जयदीप जैन, प्रकाश राठौर, चिंटू वर्मा, चंदू शिंदे, अजीत रघुवंशी, कमल वर्मा, सीटू छाबड़ा व ऋषि खनूजा प्रमुख थे।

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