Loksabha Election 2019: सिंधिया की राय पर तय होंगे इन 7 सीटों पर उम्मीदवार

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Update: 2021-02-16 06:05 GMT

भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के दखल वाली कांग्रेस की सात सीटों पर प्रत्याशी चयन को लेकर हाईकमान असमंजस में है। सिंधिया का नाम गुना के साथ इंदौर-विदिशा सीट के लिए भी चल रहा है। साथ ही उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे का नाम भी ग्वालियर सीट से विचाराधीन है। सिंधिया की राय पर भिंड-मुरैना और धार की सीटों के प्रत्याशियों का भी फैसला होना है। इस प्रकार सात सीटों पर कांग्रेस असमंजस में है और फैसला सिंधिया पर टिका है।

प्रदेश में अब तक कांग्रेस नौ सीटों पर अपने प्रत्याशी तय कर पाई है। अभी 20 सीटों पर फैसला नहीं हो सका है। 20 में से सात सीटें गुना, ग्वालियर, इंदौर, विदिशा, धार, भिंड और मुरैना के प्रत्याशी चयन में सिंधिया की भूमिका महत्वपूर्ण है। गुना में कांग्रेस की स्थिति विधानसभा चुनाव में कुछ कमजोर थी जिससे मुख्यमंत्री कमलनाथ भी सिंधिया को दूसरी सीट पर जाने की सलाह दे चुके हैं। हालांकि उन्हें दूसरी सीटों में इंदौर या विदिशा जैसी सीटों पर भेजे जाने की चर्चाएं चल रही हैं। सांसद सिंधिया को इस बारे में फैसला लेना है।

प्रियदर्शनी राजे पर असमंजस सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ग्वालियर जिला कांग्रेस कमेटी ने उनकी ग्वालियर से उम्मीदवारी का प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी को भेज दिया है, मगर वे जिस ढंग से गुना क्षेत्र में सक्रिय हैं, उससे यह संभावना भी है कि वे सिंधिया के गुना से शिफ्ट होने पर इस सीट से प्रत्याशी बनाई जाएं। प्रियदर्शनी को प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ भी कह चुके हैं कि सिंधिया इस पर अपनी सहमति दें। इसी के बाद सिंधिया ने तुरत-फुरत ग्वालियर का दौरा कर स्थानीय नेताओं से मुलाकात की थी। उनके जाते ही जिला कांग्रेस कमेटी ने प्रत्याशी को लेकर प्रस्ताव पारित कर भेजा था।

भिंड, मुरैना व धार भी सिंधिया के खाते में सांसद सिंधिया की राय भिंड, मुरैना ही नहीं धार लोकसभा सीट को लेकर भी महत्वपूर्ण मानी जाएगी। भिंड को लेकर भाजपा के पूर्व सांसद अशोक अर्गल से सिंधिया की लगातार बातचीत हो रही है। मंत्री डॉ. गोविंद सिंह से भी सिंधिया और अन्य नेताओं की चर्चा हुई है। अभी तक भिंड सीट से रामनारायण हिंडोनिया का नाम चर्चा में था, जो डॉ. गोविंद सिंह समर्थक माने जाते हैं। रामनारायण हिंडोनिया लोकसभा सीट पर कमजोर प्रत्याशी के रूप में बताए जा रहे थे और अर्गल का नाम सामने आने पर उनकी दावेदारी कमजोर हो गई। अर्गल को लेकर अभी हाईकमान को फैसला लेना है। वे कांग्रेस की सदस्यता लेते हैं तो उन्हें प्रत्याशी बनाया जाना तय है।

इसी तरह मुरैना सीट पर सिंधिया अपने विश्वस्त साथी पूर्व विधायक रामनिवास रावत को टिकट दिलाएंगे। वहीं, धार सीट पर गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी का नाम लगभग फाइनल है, वे सिंधिया समर्थक माने जाते हैं। इस सीट पर जयस भी अपने प्रत्याशी के लिए दबाव बनाए हुए है और कांग्रेस विधायक डॉ. हीरा अलावा ने जयस को सीट नहीं देने पर उनके निर्दलीय प्रत्याशी का प्रचार करने की चेतावनी दे रखी है। इससे राजूखेड़ी के नाम पर संशय की स्थिति है। बताया जा रहा है कि तीनों सीटों पर हाईकमान सिंधिया से पूछकर ही कोई फैसला लेगा।

टिकट वितरण में सिंधिया की महत्वपूर्ण भूमिका सांसद सिंधिया प्रदेश ही नहीं देश के प्रमुख कांग्रेस नेता हैं। मध्य प्रदेश में चुनावी रणनीति ही नहीं, लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के चयन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रियदर्शनी राजे के टिकट का फैसला हाईकमान को करना है और वह सर्वमान्य होगा। - पंकज चतुर्वेदी, प्रवक्ता, मप्र कांग्रेस कमेटी

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