Indore: अस्पताल से भागा Coronavirus Positive मरीज, मचा हड़कंप

Indore के एमआरटीबी अस्पताल से रात में भागा कोरोना पॅाजिटिव मरीज- सामने आई मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की बड़ी लापरवाही

Update: 2021-02-16 06:18 GMT

एमआरटीबी अस्पताल से रात में भागा कोरोना पॅाजिटिव मरीज- सामने आई मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की बड़ी लापरवाही

इंदौर। शहर में देर रात कोरोना पॉजिटिव मरीज के भागने से हड़कंप मच गया। इसमें एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत संचालित हो रहे एमआरटीबी अस्पताल जहां इन दिनों कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है वहां से कल दो मरीज भाग गए। इनमें एक कोरोना पॅाजिटिव मरीज था और एक संदिग्ध। देर रात कोरोना पॅाजिटिव मरीज को स्वास्थ्य विभाग की रैपिड एक्शन टीम ने पुलिस की मदद से खजराना से खोज निकाला और फिर अस्पताल में भर्ती कराया।

दरअसल तीन दिनों पहले रानीपुरा में रहने वाले शहजाद अहमद की कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद शहजाद के संपर्क में आये सभी लोगों की भी जांच शुरू की गई। अगले दिन उसकी 14 और 18 वर्षीय बेटियां भी कोरोना पॉजिटिव मिली। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग का अमला और सतर्क हुआ और शहजाद के संपर्क में आए सभी लोगों की जांच शुरू की।

देर रात अस्पताल से भागा.....

इसमें शाहिद नाम का एक युवक भी संक्रमित मिला। कल रात को करीब 11 बजे शाहिद एमआरटीबी अस्पताल से भाग गया। रात को ही जिन 4 पॉजिटिव मरीजों की जानकारी सामने आई शाहिद भी था। शाहिद के साथ ही एक जफर नागौरी नामक मरीज भी कल रात में अस्पताल से भाग गया। हालांकि जफर की रिपोर्ट नेगेटिव आई, लेकिन उसे 14 दिन आईसोलेट रहना था।

शाहिद के भागने की जानकारी रात में सीएमएचओ डॉ प्रवीण जडिया को मिली। जिन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों को जानकारी देकर अपनी रैपिड एक्शन टीम रवाना की। देर रात तक टीमें शाहिद को खोजती रही। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रवीण जडिया ने बताया की शाहिद को खजराना से खोज निकालकर वापस भर्ती किया है।

इलाज नहीं मिलने से था खफा

इधर शाहिद के अस्पताल से भागने का बड़ा कारण इलाज नहीं मिलना और डॉक्टरों द्वारा किया जाने वाला भेदभाव सामने आया है। पूर्व में जांच कराने आया था कि पहले भी उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया था। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे भर्ती कराया था। दरअसल इन दिनों एमआरटीबी की कमान मेडिकल कॉलेज के हाथ में है और स्वास्थ्य विभाग वहां सिर्फ मरीजों को पहुंचा रहा है।

दोनों विभागों में सामंजस्य कम होने से परेशानी हो रही है। मेडिकल कॉलेज द्वारा लिए जा रहे कई निर्णयों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों केा ही नहीं दी जा रही है। अब यहां एमआरटीबी अस्पताल से संदिग्ध मरीजों की ओपीडी भी एमवाय और गोकुलदास अस्पताल में शिफट करने की तैयारी चल रही है।

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