मध्यप्रदेश के हनी ट्रैप काण्ड का खुलासा करने वाले इंजीनियर फिर निलंबित हुए, सरकार से मांग- रीवा नगर निगम में अटैच करें

इंदौर. मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप काण्ड का खुलासा कराने वाले इंजीनियर हरिभजन सिंह को फिर से निलंबित कर दिया गया है. रीवा नगर निगम

Update: 2021-02-16 06:24 GMT

इंदौर. मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप काण्ड का खुलासा एवं मामला दर्ज कराने वाले इंजीनियर हरिभजन सिंह को एक बार फिर से निलंबित कर दिया गया है. उन्हें इंदौर एमआईसी ने 9 माह के अंतराल में दोबारा निलंबित किया गया है. उन्हें पहली बार 23 सितम्बर 2019 को निलंबित किया गया  था. साथ ही उन्हें उनके मूलतः पदस्थापना वाले रीवा नगर निगम में अटैच करने की मांग आयुक्त ननि इंदौर ने राज्य सरकार से की है.

बता दें मूलतः रीवा नगर निगम में पदस्थ एवं प्रतिनियुक्ति पर पिछले कई वर्षों से इंदौर एमआईसी (Indore Municipal Corporation) में पदस्थ इंजीनियर हरभजन सिंह को एक बार फिर से निलंबित कर दिया गया है. हरभजन सिंह वही अधिकारी हैं जिन्होंने मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप काण्ड का खुलासा कर मामला पंजीबद्ध कराया था.

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पहली बार सिंह को अनैतिक कार्य में संलिप्त होने के आरोप में 23 सितम्बर 2019 को निलंबित किया गया था. लेकिन उनकी याचिका पर हाईकोर्ट ने 3 जून को उनके निलंबन आदेश को निरस्त कर दिया था. साथ ही एमआईसी को आदेश दिया था की अधिकारी को बहाल करते हुए उनके बकाया वेतन-भत्ते अदा करे.

मामले को लेकर आयुक्त प्रतिभा पाल ने पीटीआई भाषा को बताया की हाई कोर्ट के आदेश के परिपालन में सम्बंधित अधिकारी को औपचारिक तौर पर जोइंनिंग करा ली गई थी. लेकिन उनके खिलाफ शासकीय सेवा के गरिमा के खिलाफ आचरण के गंभीर आरोप हैं, इसलिए हमने उन पर विभागीय जांच बैठाते हुए फिर से निलंबित कर दिया। साथ ही राज्य सरकार से अनुरोध किया है की उन्हें रीवा नगर निगम में ही अटैच कर दिया जाय, जिससे तहकीकात प्रभावित न हो सके.

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आईएमसी के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि विभिन्न समाचार-पत्रों में प्रकाशित खबरों और सोशल मीडिया पर सामने आये अलग-अलग वीडियो के अवलोकन के बाद सिंह को फिर से निलंबित करने का फैसला किया गया है।

उन्होंने बताया कि आईएमसी के एक अतिरिक्त आयुक्त को आदेश दिया गया है कि वह 15 दिन के भीतर सिंह के खिलाफ विभागीय जांच पूरी कर इसकी रिपोर्ट सौंपें।

गौरतलब है कि पुलिस ने सिंह की ही शिकायत पर मामला दर्ज कर सितंबर 2019 में हनी ट्रैप गिरोह का खुलासा किया था।गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था। आईएमसी अफसर ने पुलिस को बताया था कि इस गिरोह ने उनके कुछ आपत्तिजनक वीडियो क्लिप वायरल करने की धमकी देकर उनसे तीन करोड़ रुपये की मांग की थी। ये क्लिप खुफिया तरीके से तैयार किये गये थे।

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पुलिस ने इस मामले में एक स्थानीय अदालत में 16 दिसंबर 2019 को पेश आरोप पत्र में कहा था कि संगठित गिरोह मानव तस्करी के जरिये भोपाल लायी गयी युवतियों के इस्तेमाल से धनवान और ऊंचे ओहदों पर बैठे लोगों को अपने जाल में फंसाता था। फिर उनके अंतरंग पलों के वीडियो, सोशल मीडिया चैट के स्क्रीनशॉट आदि आपत्तिजनक सामग्री के आधार पर उन्हें ब्लैकमेल करता था।

आरोप पत्र के मुताबिक हनी ट्रैप गिरोह ने उसके जाल में फंसे रसूखदारों को धमकाकर उनसे सरकारी कारिंदों की 'ट्रांसफर-पोस्टिंग' की सिफारिशें तक करायी थीं और इन कामों के आधार पर भी अवैध लाभ कमाया था।

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