इंदौर के महू में बोले CDS अनिल चौहान: शक्ति के बिना शांति एक भ्रम है, शांति के लिए युद्ध को तैयार रहें; दुश्मन गलतफहमी में न रहे, ऑपरेशन सिन्दूर अभी भी जारी
CDS अनिल चौहान ने कहा कि भारत शांतिप्रिय है, लेकिन 'शांतिवादी' नहीं। महू में रण संवाद-2025 कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सेनाएं हर तरह के युद्ध के लिए तैयार हैं।;
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में एक बड़ा बयान दिया। 'रण संवाद-2025' कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है, लेकिन हम 'शांतिवादी' नहीं हैं। उन्होंने साफ शब्दों में दुश्मनों को चेतावनी देते हुए कहा कि कोई भी गलतफहमी में न रहे, क्योंकि देश की सेनाएं हर तरह के युद्ध के लिए हमेशा तैयार हैं। उन्होंने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियां दोहराते हुए कहा, “क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो, उसको क्या जो दंतहीन, विषरहित, विनीत, सरल हो।”
ऑपरेशन सिंदूर से मिले सबक, भविष्य का युद्ध होगा खतरनाक
जनरल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक नए युग का युद्ध था, जिससे भारतीय सेना ने कई महत्वपूर्ण सबक सीखे हैं। उन्होंने बताया कि भविष्य के युद्ध बेहद खतरनाक होंगे, और उनमें जीत हासिल करने के लिए थल सेना, वायु सेना और नौसेना को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने शस्त्र और शास्त्र दोनों को एक साथ अपनाने की जरूरत पर जोर दिया।
सुदर्शन चक्र मिशन पर काम शुरू, भारत बनेगा आत्मनिर्भर
CDS ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुदर्शन चक्र मिशन का भी जिक्र किया, जिसका मकसद भारत को एक 'आयरन डोम' जैसी सुरक्षा देना है। उन्होंने बताया कि इस मिशन पर काम शुरू हो चुका है और DRDO द्वारा इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) का सफल परीक्षण इसी का हिस्सा है। CDS ने कहा कि 2035 तक यह मिशन पूरा होने के बाद भारत की सुरक्षा एक 'गोल्डन डोम' की तरह होगी।
कम लागत में सब कुछ हासिल करना है
जनरल चौहान ने मल्टी-डोमेन ISR (इंटेलिजेंस, सर्विलांस, और रिकनॉसेंस) की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें जमीन, हवा, समुद्र, अंतरिक्ष और पानी के नीचे के सेंसर को एक साथ जोड़ना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को यह सब कम से कम लागत पर हासिल करना होगा। नौसेना के वाइस एडमिरल तरुण सोबती ने भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल की गई तकनीकों को और भी एडवांस बनाना होगा।