सिगरेट छोड़ने का एक नया और वैज्ञानिक तरीका, धूम्रपान करने से भारत में हर साल 13.5 भारतीयों की मौत

भारत में तंबाकू से हर साल 13.5 लाख मौतें, विशेषज्ञों ने कहा—सुरक्षित निकोटीन विकल्प से धूम्रपान छोड़ने में मदद मिल सकती है;

Update: 2025-09-14 10:43 GMT

भारत में धूम्रपान छोड़ने के लिए सुरक्षित निकोटीन विकल्प

Cigarette chhodne ke upaay kya kar sakte hain

भारत में लाखों लोग तंबाकू का सेवन करते हैं और धीरे-धीरे इसकी लत के शिकार हो जाते हैं। सवाल यह है कि सिगरेट छोड़ने के लिए सबसे पहले मजबूत इच्छा शक्ति बनानी पड़ती है। परिवार और दोस्तों का सहयोग, काउंसलिंग, योग और ध्यान जैसे तरीके इसमें मददगार होते हैं। साथ ही, डॉक्टर से सलाह लेकर निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी यानी गम या पाउच का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इससे धीरे-धीरे लत कम होती है और सिगरेट छोड़ना आसान बन जाता है।

Bharat mein nicotine pouch kaise milte hain

कई लोग पूछते हैं कि भारत में निकोटीन पाउच अभी बहुत अधिक उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि इन पर सरकारी नियंत्रण है। कुछ ऑनलाइन वेबसाइट्स और चुनिंदा हेल्थ स्टोर्स पर यह सीमित मात्रा में मिल सकते हैं। हालांकि, विदेशों की तरह भारत में अभी यह खुले तौर पर उपलब्ध नहीं हुए हैं। भविष्य में जब सरकार इन पर स्पष्ट नीति बनाएगी तो यह तंबाकू छोड़ने का एक बड़ा साधन बन सकते हैं।

Cigarette chhodne ke liye scientific upaay kya hote hain

अगर आप सोच रहे हैं कि तो इनके अंतर्गत कुछ प्रमुख तरीके आते हैं। जैसे –

  • निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी (NRT)
  • निकोटीन गम और पाउच
  • डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली दवाइयाँ
  • व्यवहारिक काउंसलिंग
  • योग और मेडिटेशन
  • ये सभी तरीके वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हैं और धूम्रपान या तंबाकू छोड़ने में कारगर साबित होते हैं।

Bharat mein cigarette se judi bimariyan kitni hoti hain

हर साल सिगरेट से जुड़ी बीमारियों के कारण लाखों लोग बीमार पड़ते हैं। सवाल है कि  भारत में कैंसर, फेफड़े की बीमारी (सीओपीडी), हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी समस्याएँ सिगरेट के कारण सबसे ज्यादा होती हैं। आँकड़ों के अनुसार, हर 10 में से 1 व्यक्ति किसी न किसी सिगरेट संबंधी बीमारी का शिकार है।

who global target on tobacco reduction india

विश्व स्वास्थ्य संगठन का उद्देश्य है कि 2025 तक दुनियाभर में तंबाकू का सेवन 30% तक कम किया जाए। इसी संदर्भ में सवाल उठता है कि सिगरेट को कैसे पूरा करेगा। भारत सरकार जागरूकता अभियान, ऊँचे टैक्स और तंबाकू विज्ञापनों पर प्रतिबंध जैसी नीतियाँ लागू कर रही है। साथ ही, निकोटीन पाउच जैसे सुरक्षित विकल्पों को अपनाना भी इस लक्ष्य तक पहुँचने में मदद कर सकता है।

Cigarette chhodne ka sahi tareeka kya hai

बहुत से लोग जानना चाहते हैं कि सिगरेट छोड़ने सही तरीका यह है कि पहले एक तारीख तय करें जिस दिन से सिगरेट छोड़ना शुरू करेंगे। उसके बाद धीरे-धीरे सेवन कम करें और डॉक्टर या विशेषज्ञ की मदद लें। परिवार और दोस्तों को इस बारे में बताएँ ताकि वे आपको मोटिवेट करें। घर में मौजूद तंबाकू उत्पादों को हटा दें और उनकी जगह हेल्दी विकल्प जैसे फल, चाय या पानी रखें।

Bharat mein cigarette se hone wali maut kitni hoti hai

अगर आप सोच रहे हैं तो आँकड़े बहुत चौंकाने वाले हैं। भारत में हर साल लगभग 13.5 लाख लोग सिगरेट से जुड़ी बीमारियों की वजह से मर जाते हैं। यानी हर दिन लगभग 3,700 लोग सिगरेट का शिकार होकर अपनी जान गंवाते हैं।

How to quit cigarette step by step India

अगर आप जानना चाहते हैं कि सिगरेट से कैसे पीछा छुड़ाए तो ये आसान स्टेप्स अपनाएँ –

  • एक फिक्स डेट चुनें।
  • तंबाकू उत्पादों को घर से हटा दें।
  • निकोटीन गम, पाउच या डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाइयों का प्रयोग करें।
  • तनाव से बचने के लिए योग और ध्यान करें।
  • दोस्तों और परिवार का समर्थन लें।
  • इन स्टेप्स को अपनाकर धीरे-धीरे तंबाकू की लत से छुटकारा पाया जा सकता है।

Bharat mein cigarette mukt samaaj kaise banega

इसका उत्तर है – लोगों में जागरूकता लाना, सख्त सरकारी नीतियाँ लागू करना, तंबाकू उत्पादों की कीमत बढ़ाना और सुरक्षित विकल्पों को उपलब्ध कराना। जब हर व्यक्ति समझेगा कि तंबाकू कितना खतरनाक है, तभी समाज वास्तव में तंबाकू मुक्त हो सकेगा।

FAQ

Q1: भारत में धूम्रपान से हर साल कितने लोगों की मौत होती है?

A1: भारत में हर साल लगभग 13.5 लाख लोगों की मौत तंबाकू से होती है।

Q2: निकोटीन पाउच क्या होते हैं?

A2: निकोटीन पाउच छोटे, तंबाकू-मुक्त उत्पाद होते हैं जो बिना धुएं के निकोटीन प्रदान करते हैं।

Q3: क्या निकोटीन पाउच पूरी तरह से सुरक्षित हैं?

A3: नहीं, वे पूरी तरह से जोखिम-मुक्त नहीं हैं क्योंकि उनमें निकोटीन होता है, लेकिन वे धूम्रपान से 95% तक कम हानिकारक हो सकते हैं।

Q4: धूम्रपान छोड़ने के पारंपरिक तरीकों की सफलता दर क्या है?

A4: बिना किसी सहायता के धूम्रपान छोड़ने की सफलता दर लगभग सात प्रतिशत है।

Q5: क्या करें जब धूम्रपान न छोड़ पाएं?

A5: ऐसे में आपको किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए और सुरक्षित निकोटीन विकल्पों पर विचार करना चाहिए।

Q6: भारत तंबाकू उपयोग कम करने के लिए क्या लक्ष्य रखा है?

A6: भारत ने 2025 तक तंबाकू के उपयोग को 30 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा है।

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. रीवा रियासत इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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