कृषि कानून को लेकर केन्द्रीय कृषि मंत्री का बड़ा बयान, कहा किसी भी कीमत पर वापस नहीं होगा कृषि कानून
Gwalior / ग्वालियर। कोरोना के मामले घटने के साथ ही एक बार फिर किसानों ने कृषि कानून के विरोध में आंदोलन तेज कर दिया है। किसान दिल्ली सहित अन्य जगहों पर एकत्र होने लगे है। वहीं ग्वालियर आये केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar);
Gwalior / ग्वालियर। कोरोना के मामले घटने के साथ ही एक बार फिर किसानों ने कृषि कानून के विरोध में आंदोलन तेज कर दिया है। किसान दिल्ली सहित अन्य जगहों पर एकत्र होने लगे है। वहीं ग्वालियर आये केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने प़त्रकारो के सवाल का जवाब देते हुए कह दिया कि कृषि कानून बिल किसी भी कीमत पर वापस नही होगा। साथ ही उन्होने कहा कि अभी भी बतचीत के लिए किसानों से तैयार हैं।
कन्या छात्रावास का किया उद्घाटन
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ग्वालियर में राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय में कन्या छात्रावास का उद्घाटन किया। 2 करोड़ की लागत से बने छात्रावास में 56 बालिकाओं के रहने की व्यवस्था है। इस अवसर पर उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार भतर सिंह कुशवाह, सांसद विवेक नारायण सेजलवार समेत कृषि विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
कृषि कानून वैज्ञानिकों की 30 साल की मेहनत का प्रतिफल: तोमर
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि नया कृषि कानून देश के वैज्ञानिकों के 30 साल के मेहनत का प्रतिफल है। इसे वापस लेने का सवाल ही पैदा नही होता है। इसमें अगर किसी तरह की त्रुटि है तो उसमें मोदी सरकार संशोधन के लिए तैयार है। किसानों से बात करने का शिलसिला जारी रखा जायेगा। लेकिन कृषि कानून किसी भी कीमत पर वापस नही लिया जायेगा।
कृषि कानून किसानों के जीवन में परिर्वतन लाने वाला है। किसानो की हालत में निःसंदेह ही सुधार होगा। ऐसे में नये कृषि कानून को गलत कहा नही जा सकता। इस कानून से किसानो की आमदनी में बढोत्तरी होगी। ज्यादातर किसान संगठन इस नये कानून का समर्थन करते है। वही जो इससे नाराज भी हैं वह भी सरकार से बात कर सकते है। बातचीत करने के दरवाजे सदैव खुले हुए है।