जब लता मंगेशकर को जान से मारने की गई थी कोशिश, बीते थे 3 महीने बिस्तर पर, फिर...

लता मंगेशकर आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। देश ही नहीं विदेशों में भी इनके चाहने वाले मौजूद हैं। इनकी अवाज का जादू चारों दिशाओं

Update: 2021-02-16 06:39 GMT

जब लता मंगेशकर को जान से मारने की गई थी कोशिश, बीते थे 3 महीने बिस्तर पर, फिर…

मुंबई। स्वर कोकिला के नाम से मशहूर लता मंगेशकर आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। देश ही नहीं विदेशों में भी इनके चाहने वाले मौजूद हैं। इनकी अवाज का जादू चारों दिशाओं को गुंजायमान कर रहा है। लेकिन इनके निजी जीवन के संघर्षों के बारे में कम ही लोगों को पता है

जानकारी के अनुसार एक बार लता जी को किसी ने जहर देकर मारने का प्रयास किया था। ऐसे में उनकी हालत ऐसी हो गई थी कि 3 माह तक उन्हे बिस्तर पर ही बिताने पडे थे। लेकिन उनके चाहने वालों की दुआएं और सहयोगियों के आत्मबल ने उन्हे पुनः खडा कर दिया।

फैमली के डाक्टर कपूर ने किया था इलाज

लताजी जानकारी शेयर करते हुए बताती हैं कि इस जहर की वजह से बीमार पड़ने पर उनका इलाज डा. कपूर ने किया था। उनका कहना था कि वह जल्दी ही सब ठीक कर देेंगे। उन्होने ही बताया था कि लता जी को धीमा जहर दिया गया था।

उनका कहना है जीवन के हर उतार चढाव में वह उनकी जिंदगी का सबसे भयानक दौर था। यह घटना लगभग 1963 के आसपास की है। धीमें जहर के असर की वजह से इतनी कमजोरी महसूस होने लगी कि वह बेड से भी नही उठ पाती थी।

मजरूह सुल्तान पुरी ने दी हिम्मत

लता मंगेशकर अपने इस बिपदा के समय में सबसे ज्यादा हिम्मत देने वाले और आत्मविश्वास बढाने में मजरूह सुल्तानपुरी का नाम लेती हैं। लता जी का कहना है मजरूह साहब हर शाम घर आकर बगल में बैठकर मेरा दिल बहलाने के लिए कविताएं सुनाया करते थे। वे दिन-रात व्यस्त रहते थे और उन्हें मुश्किल से सोने के लिए कुछ वक्त मिलता था।

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