ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार को मिले थे 8 फिल्मफेयर पुरस्कार, मुश्किलों में बीता बचपन, फिर ऐसे मिला फिल्मों में ब्रेक

फिल्मी दुनिया के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar) साहब का 7 जुलाई को निधन हो गया। वह 98 वर्ष (Dilip kumar age) के थे। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे।

Update: 2021-07-07 10:11 GMT

फिल्मी दुनिया के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar) साहब का 7 जुलाई को निधन हो गया। वह 98 वर्ष (Dilip kumar age) के थे। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें सांस संबंधित समस्या थी। जिसके चलते उन्हें मुम्बई स्थित हिन्दूजा अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान पत्नी सायरा बानो भी उनके साथ रही। दिलीप साहब के फैंस लगातार उनके स्वस्थ्य होने की दुआएं कर रहे थे।

लेकिन बुधवार की सुबह उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। दिलीप साहब (Dilip Kumar) ने अपने करियर में कई जर्बदस्त हिट फिल्में दी। उन्हें लगभग 8 फिल्म फेयर अवार्ड मिले। इसके अलावा दिलीप साहब को कई अन्य अवार्ड से भी नवाजा गया। उनके निधन की खबर से बाॅलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। इंडस्ट्री के दिग्गज सितारे सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी शोक संवेदना व्यक्त कर रहे हैं।

ट्रेजडी किंग के जर्नी पर एक नजर

फिल्मी दुनिया में ट्रेजडी किंग के नाम से फेमस दिलीप कुमार (Dilip Kumar) का जन्म 11 दिसंबर 1922 को पाकिस्तान में हुआ था। उनका रियल नेम यूसुफ खान था। पर्दे पर उन्हें पहचान दिलीप कुमार के नाम से मिली। दिलीप साहब ने अपना नाम एक प्रोड्यूसर की सलाह पर चेंज किया था। जिसके बाद लोग उन्हें दिलीप कुमार नाम से न सिर्फ जानने लगे बल्कि उन्हें खूब प्यार भी दिया।

दिलीप साहब की शुरूआती शिक्षा नासिक में हुई। साल 1944 में वह पहली बार फिल्म ज्वार भाटा में नजर आए। यह उनकी पहली डेब्यू फिल्म थी। यह फिल्म कुछ खास कमाल न कर सकी। लेकिन जब उनकी जोड़ी नूर जहां के साथ बनी तो वह पहली हिट फिल्म जुगनू दिए। इसे बाद लगातार वह हिट फिल्में देने लगे। दिलीप साहब की फिल्म मुगल-ए-आजम उस समय की सबसे कमाई करने वाली फिल्म बनी।

मुश्किल में गुजरा बचपन

दिलीप कुमार (Dilip Kumar) साहब का बचपन काफी मुश्किलों में गुजरा। रिपोर्ट की माने तो उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। दिलीप कुमार के पिता फल बेचा करते थे। रिपोर्ट की मानें तो साल 1940 में पिता से मतभेद के बाद वह पुणे आ गए। जहां उनकी मुलाकात एक कैंटीन संचालक ताज मोहम्मद से हुई। ताज की मदद से उन्होंने आर्मी क्लब में सैंडविच स्टॉल लगाना शुरू कर दिया था। जिससे हुई कमाई को लेकर वह फिर मुम्बई पिता के पास लेकर आए और वहां रहने लगे। मुम्बई में ही वह काम की तलाश शुरू कर दिए। कहा जाता है कि दिलीप कुमार साहब बचपन से ही प्रतिभावान थे। 

मिले कई पुरस्कार

दिलीप कुमार (Dilip Kumar) साहब को बेहतरीन अभिनय के लिए 8 फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा जा चुका है। खबरों की माने तो सबसे ज्यादा अवार्ड पाने वाले अभिनेता दिलीप कुमार साहब का नाम गिनीज वल्र्ड रिकार्ड में भी दर्ज है। इसके अलावा दिलीप साहब को पद्म विभूषण, पद्म भूषण, दादा साहेब फाल्के अवार्ड के अलावा पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज से भी सम्मानित किया जा चुका है। दिलीप साहब फिल्मों के अलावा साल 2000 से लेकर 2006 तक राज्यसभा सदस्य भी रहे। 

Similar News