Somvati Amavasya 2021 : इस तारीख को है सोमवती अमावस्या, जाने शुभ मुर्हूत, व्रत महत्व

Somvati Amavasya 2021 : चैत्र मास में पड़ने वाली सोमवती अमावस्या 12 अप्रैल 2021 को मनाई जाएगी। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके दान, पुण्य करने से शुभ फल की प्राप्ती होती है। चलिए जानते है सोमवती अमावस्या का शुभ मुर्हूत एवं तिथि।

Update: 2021-04-03 16:17 GMT

Somvati Amavasya 2021 : चैत्र मास में पड़ने वाली सोमवती अमावस्या 12 अप्रैल 2021 को मनाई जाएगी। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके दान, पुण्य करने से शुभ फल की प्राप्ती होती है। चलिए जानते है सोमवती अमावस्या का शुभ मुर्हूत एवं तिथि।


हिन्दू धर्म में पूर्णिमा एवं अमावस्या का बड़ा ही महत्व है। इस साल अमवस्या तिथि 12 अप्रैल 2021 को मनाई जाएगी। इस साल केवल सोमवती अमावस्या ही पड़ेगी। जिससे इसका महत्व और बढ़ गया हैं। हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करने, दान, पुण्य करने आदि का बड़ा महत्व हैं। मान्यता है कि इस दिन किए गए पुण्य के कार्य से शुभ फल की प्राप्ति होती है और सुख-सुविधाओं में बढ़ोत्तरी होती है।

शुभ मुर्हूत

हिन्दू पंचांगों की माने तो अमावस्या तिथि का प्रारंभ 11 अप्रैल रविवार की सुबह 6 बजकर 3 मिनट से प्रारंभ होगा। जो सोमवार की सुबह 8 बजे तक रहेगा। 

व्रत कथा

पौराणिक कथाओं की माने तो सोमवती अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने से पापों का नाश होता है। अगर गंगा स्नान संभव न हो तो किसी पवित्र नदी में स्नान करके शिव, पार्वती एवं तुलसी की पूजा करना बेहद फलदायी माना गया है। सोमवती अमवस्या के दिन सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं और वट वृक्ष की पूजा आदि करती हैं। इसी तरह मान्यता है कि इस दिन पितरों का तर्पण भी किया जाता हैं। जिन लोगों की कुण्डली में पितृदोष होता है वह पूजा-पाठ करके से पितृदोष से मुक्ति प्राप्त करते हैं और पितरों का आर्शिवाद उन्हें मिलता है। साथ ही सोमवार का दिन होने के चलते भगवान भोलेनाथ की स्तुति भी शुभ फलदायी होती है।

यह भी है मान्यता

मान्यता है कि सोमवती अमवस्या के दिन घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान करके सूर्यदेव को अघ्र्य देना चाहिए। ऐसा करने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है। इसी तरह सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। कहा जाता है कि पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसी तरह इस दिन तुसली, शिव-पार्वती पूजा का भी विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन तुलसी के पेड़ की 108 बार परिक्रमा करने से घर में कभी पैसों की कमी नहीं आती है।

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