छत्तीसगढ़: कोर्ट ने भगवन को पेशी में बुलाया तो भक्त मंदिर से शिवलिंग उठा लाया, जज ने अगली तारीख दी

Chattisgarh: पेशी में पेश न होनेपर कोर्ट ने 10 हज़ार का जुर्माना लगाया था

Update: 2022-03-25 14:06 GMT

Chattisgarh: कहते हैं ना कानून अंधा होता है? छत्तीसगढ़ के इस मामले को जानने के बाद आपको कानून बकलोल भी लगने लगेगा। छत्तीसगढ़ में कोर्ट ने जज ने भगवान को पेशी में बुलाया था और ना पहुँचने पर 10 हज़ार का जुर्माना भी लगाने के लिए कहा था. राजस्व अधिकारीयों ने एक मामले में भगवान शिव को आरोपी बनाया था और कोर्ट ने उन्हें हाजिर होने के लिए कह दिया था. 

अब भगवान शिव स्वयं कोर्ट आ जाते तो आरोप लगाने वाले अधिकारी और शिव को बुलाने वाले जज की बुद्धि खुल जाती। भगवान दुनिया सम्भलें की इनकी बकैती में पड़ें इसी लिए, भगवान के एक भक्त ने मंदिर से शिवलिंग उठाया और कोर्ट के सामने पेश कर दिया। लेकिन कोर्ट तो कोर्ट है (ज़्यादा कुछ कह नहीं सकते वरना हमारे ऊपर केस हो जाएगा) तो पढ़े लिखे जज साहेब ने भगवान को सुनवाई के लिए अगली तारीख सुना दी क्योंकी तहसीलदार ही कोर्ट में नहीं पहुंचे थे. 

ये बकलोली कहां हुई है 

मामला छत्तीसगढ़ के रायगढ़ का है, जहां के होनहार राजस्व अधिकारीयों ने अतिक्रमण के मामले में भगवान शिव को आरोपी बना दिया था. कोर्ट ने शंकर भगवान के साथ 10 अन्य को भी नोटिस दिया था और हाजिर न होनेपर 10 हज़ार का जुर्माना भरने के लिए कहा था. और कोर्ट ने किसी भी प्रकार के निर्माण में भी रोक लगा दी थी. 

दरअसल रायगढ़ के कोहकुंडा में एक मंदिर है जो राजस्व विभाग के नज़र में अतिक्रमण है. मंदिर के पुजारी का नाम किसी को पता नहीं था तो पढ़ लिखकर राजस्व अधिकारी बने लोगों ने भगवान शिव को भी नोटिस भेज दिया। कोर्ट ने भी शिव को आरोपी मानते हुए नोटिस भेजकर हाजिर होने का फरमान सुना दिया। फिर क्या लोगों ने राजस्व अधिकारीयों और कोर्ट के जज को सबक सिखाने के लिए मंदिर से शिवलिंग उठाकर कोर्ट ले जाने की सोची और ऐसा कर भी दिया। 

कोर्ट ने दूसरी तारीख देदी 

शिवलिंग को जब कोर्ट में हाजिर किया गया तो उन्हें सुनवाई के लिए अगली तारीख देदी गई. जज साहेब कहीं बिजी थे. भगवान उन्हें द्वार आए थे और वह बीजी थे. इसके बाद 13 अप्रेल की तारिख निर्धारित कर दी है अब शिव 13 अप्रेल को फिर से कोर्ट में पेश होंगे। 

तो ऐसा है देश का हाल जहां मंदिर में भगवान राम के बाद महादेव को हाजिर होना पड़ता है. लेकिन बड़े-बड़े लोगों का केस कोर्ट के बाहर ही सुलट जाता है. ये घटना सुनकर भले हसीं आती हो लेकिन यह हिन्दुओं के ईश्वर का अपमान है. और शिव को आरोपी बनाने वाले राजस्व अधिकारीयों सहित उन्हें नोटिस देने वाले जज को इसके लिए जवाब देना चाहिए। एक तरफ कहा जाता है कोर्ट का वक़्त कीमती है और दूसरी तरफ ऐसी बकैती होती है. 

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