मोती की खेती कैसे करते हैं ये आपको नरेंद्र गरवा से सीखना चाहिए, 35 हज़ार से काम शुरू किया अब 5 लाख कमाते हैं

Pearl Farming: मोती की खेती कैसे करें (Moti Ki Kheti Kaise Kare) इसका जवाब खुद नरेंद्र गरवा से जानें

Update: 2022-10-02 10:59 GMT

Moti Ki Kheti: सीप पालन (Oyster Rearing) या मोती की खेती (Pearl Farming) का बिज़नेस ऐसा काम है जहां कम मेहनत में ज़्यादा मुनाफा होता है. बहुत से लोग मोती की खेती करने का प्लान तो बनाते हैं मगर इसकी प्रोसेस नहीं जानते। मोती की की खेती शुरू करने में आने वाला खर्च, मोती की खेती से होने वाली कमाई और मोती की खेती कैसे करते हैं इसका ज्ञान लेने के लिए राजस्थान के नरेंद्र गरवा से आपको सीख लेनी चाहिए। 

राजस्थान के रेनवाल के रहने वाले किसान नरेंद्र गरवा मोती की खेती करते हैं. और हर साला मोटी कमाई करते हैं. सीप से मोती निकालने का काम शुरू करने से पहले नरेंद्र सड़कों में किताब बेचने का काम करते थे. उनके पास बिज़नेस करने के लिए पर्याप्त पैसे भी नहीं थे. इसी लिए 35 हज़ार रुपए से उन्होंने मोती की खेती करनी शुरू कर दी. 

मोती की खेती कैसे करें 

Moti Ki Kheti Kaise Kare: नरेंद्र ने जब अपने घर की छत पर मोती की खेती करने के लिए सेटअप बनाया और बाजार से सीप जिन्हे Oyster कहते हैं उन्हें पालना शुरू किया तो लोगों ने उन्हें पागल कहा. मगर नरेंद्र ने एक दिन सब को गलत साबित कर दिया। मौजूदा समय में नरेंद्र हर महीने 50 हज़ार रुपए तक की कमाई मोतियों से करते हैं. 

मोती की खेती कैसे होती है 

Moti Ki Kheti Kaise Hoti Hai: नरेंद्र बताते हैं कि उन्हें खुद नहीं मालूम था कि मोती की खेती कैसे की जाती है. क्योंकि यह कोई अनाज या सब्जी नहीं है जो मिट्ठी में बोने के बाद उगने लगे. मोती की खेती सीखने के लिए वह पहले ओडिशा में CIFA सेंटर गए. जो मोती के खेती करने का तरीका सिखाता है. ट्रेनिंग लेने के बाद वह अपने गांव लौटे और 35 हज़ार रुपए का इन्वेस्टमेंट करके मोती की खेती  का सेटअप बनाने लगे. 

मोती की खेती के लिए आपके पास ऐसा स्थान होना चाहिए जहां आप सीपियों को रख सकें और असनी से निकाल सकें। नरेंद्र ने अपनी छत और प्लाट में छोटे-छोटे तालाब बनाए। और केरल-गुजरात के मछुहारों से सीपियाँ खरीदी। उन्हें उन तालाबों में डाल दिया और उनमे मोतियों के पैदा होने का इंतज़ार किया। 

नरेंद्र कहते हैं कि मोती की खेती करने का सही तरीका आपको गूगल और यूट्यूब में नहीं मिलेगा। यह वैज्ञानिक खेती है और इसके लिए प्रशिक्षण लेना बेहद जरूरी है. कोई भी उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्‍वर में मौजूद CIFA के मुख्यालय से 15 दिनों की ट्रेनिंग ले सकता है. मोती की खेती की अधिक जानकारी के लिए CIFA की आधिकारिक बेबसाइट पर जाकर संबंधित लोगों से संपर्क किया जा सकता है.


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