ये लोग भूलकर न पहने लहसुनिया रत्न, नहीं तो आ जाएगा भूचाल

जीवन में ग्रहों का बहुत महत्व होता है। ग्रहों की कुंडली में मौजूदगी, उनका स्थान अलग-अलग प्रभाव छोड़ते हैं।

Update: 2022-01-29 10:45 GMT

जीवन में ग्रहों का बहुत महत्व होता है। ग्रहों की कुंडली में मौजूदगी, उनका स्थान अलग-अलग प्रभाव छोड़ते हैं। आज हम केतु ग्रह के सम्बंध में चर्चा करेंगे। कहा गया है कि अगर केतु ग्रह कुंडली में ऐसी जगह विराजमान है जिससे जातक के जीवन में नकारात्मक पड़ रहे हैं तो केतु ग्रह को शांत करने के लिए लहसुनिया रत्न धारण करना चाहिए। इस रत्न के धारण करने से कई तरह की परेशानियां समाप्त हो जाती हैं। लेकिन ज्योतिष शास्त्र में यह भी बताया गया है कि किसे लहसुनिया रत्न धारण करना चाहिए और किसे नहीं करना चाहिए।

इन्हे धारण करना चाहिए लहसुनिया

  1. कहा गया है कि केतु ग्रह के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए लहसुनिया रत्न धारण करना चाहिए।
  2. जिन जातकों की कुंडली में केतु पहले, तीसरे, चौथे, पांचवें, नवें तथा दसवें भाव पर हो वह लहसुनिया रत्न धारण कर सकता है।
  3. अगर कुंडली में केतु सूर्य के साथ हो या फिर सूर्य से दृष्ट हो रहा है तो लहसुनिया रत्न धारण किया जा सकता है।
  4. मंगल, गुरू तथा शुक्र ग्रह के साथ केतू कुंडली में विराजमान है तो लहसुनिया रत्न धारण करना उत्तम है।
  5. अगर आप मानशिक तनाव में रहते हैं ते लहसुनिया रत्न धारण करें। अवश्य ही लाभ प्राप्त होगा।
  6. अगर केतू की अंतरदशा या फिर महादशा चल रही है तो लहसुनिया रत्न धारण करें।
  7. बच्चों को बार-बार नजर लग रही है ते लहसुनिया रत्न धारण करवाना चाहिए।

इन्हे नहीं धारण करना चाहिए लहसुनिया रत्न

  1. बताया गया है कि अगर कुंडली के दूसरे, सातवें, आठवें या बाहरवें भाव में केतु का वास है तो ऐसे जातकों को लहसुनिया रत्न धारण नहीं करना   चाहिए। अन्यथा विपरीत प्रभाव झेलने पड़ते हैं।
  2. पुखराज, माणिक्य तथा मोती धारण करने वाले को कभी भी लहसुनिया रत्न धारण नहीं करना चाहिए।
  3. लहसुनिया रत्न हीरा धारण करने वाले को भी नहीं पहनना चाहिए।
  4. चार या फिर उससे ज्यादा धारी वाले लहसुनिया रत्न को धारण नहीं करना चाहिए।
  5. साथ ही कहा गया है कि बिना ज्योतिषी को कुंडली दिखाए कभी भी लहसुनिया रत्न धारण नहीं करना चाहिए।

नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।

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