Business Ideas: मात्र 3.55 लाख रुपये लगाकर शुरू करें ये व्यापार, होगी अच्छी कमाई

कम लागत में अच्छा मुनाफा कामना है तो यह बिज़नेस आपके लिए है।

Update: 2022-01-10 13:15 GMT

अगर आप सोच रहें हैं कोई व्यापार करने के बारे में जिसमे पूंजी भी कम लगे और फायदा भी बहुत हो, तो आप सही जगह पर आए हैं। अगर आपके पास व्यापार से संबंधित कोई विचार नहीं है तो आज हम आपके लिए लाएं हैं एक ऐसा बिजनेस आईडिया जो आपके लिए काफी फायदेमंद होगा और पूरे वर्ष जिसकी डिमांड रहती है.

आपको इस बिजनेस के स्टार्ट के लिए ज्यादा निवेश की भी जरूरत नहीं होगी. इतना ही नहीं सरकार इस व्यापार के लिए आपको लोन भी उपलब्ध करवाएगी. आइए जानते हैं कौन सा है ये व्यापार:

मुरमुरा या Puffed Rice:

भारत के सबसे लोकप्रिय फास्ट फूड में से एक है मुरमुरा. शहर, कस्बे और गांव, हर जगह के लोग इसका उपयोग करते है. इसका इस्तेमाल पूरे देश में विभिन्न तरीकों से किया जाता है. सबसे ज्यादा ये स्ट्रीट फूड के तौर पर लोकप्रिय है. मुंबई में इसे भेलपुरी कहते हैं, वही कोलकाता में ये झालमुड़ी के नाम से प्रसिद्ध है. इतना ही नहीं, मुरमुरे का प्रसाद मंदिरों में भी चढ़ाया जाता है.

क्या है प्रोजेक्ट कॉस्ट?

प्रोजेक्‍ट प्रोफाइल की एक रिपोर्ट जिसे खादी एंड विलेज इंडस्‍ट्रीज कमीशन (Khadi and Village Industries Commission) ने तैयार किया था, इसके अनुसार, अगर कोइ व्यक्ति मुरमुरा बनाने के बिजनेस की शुरुआत करना चाहता है तो उसके पास खुद की जमीन होनी चाहिए. व्यक्ति चाहे तो जमीन को किराये पर भी ले सकता हैं.

अगर व्यक्ति 1000 वर्ग फुट बिल्डिंग शेड बनाएगा तो कुल 2,00,000 रुपये की लागत लगेगी. इसके इक्विपमेंट में 1,00,000 रुपये तक का खर्च आएगा. इसके साथ-साथ व्यक्ति को 55,000 रुपये वर्किंग कैपिटल की भी आवश्यकता होगी.

कुल प्रोजेक्ट कॉस्ट होगी 3,55,000 लाख रुपये. अगर व्यक्ति के पास व्यापार की शुरुआत करने के लिए पर्याप्त फंड नहीं है तो वो चाहे तो पीएम मुद्रा लोन की योजना के तहत कर्ज ले सकता हैं. अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट के बेसिस पर व्यक्ति बैंक में लोन के लिए अप्लाई कर सकता हैं.

कितनी होगी कमाई?

अगर व्यक्ति अपने प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर 100 % क्षमता का उपयोग करके उत्पादन शुरू करता तो हर साल उसका उत्पादन होगा 369 क्विंटल. 1,200 रुपये की कीमत के हिसाब से हर साल 443,000 रुपये का उत्पादन होगा. प्रोजेक्टेड सेल्स कॉस्ट की बात करें तो ये होगी 5,53,750 रुपय.

ग्रॉस बचत होगी 1,10,750 रुपये. KYC की रिपोर्ट के अनुसार कि ये आंकड़े केवल जानकारी के लिए दिए गए हैं और अलग-अलग जगहों पर इनमें बदलाव भी हो सकता हैं. मानलीजिए व्यक्ति बिल्डिंग बनाने की बजाय इसे किराये पर लेता हैं तो उसकी प्रोजेक्ट कीमत कम हो जाएगी। पूंजीगत व्यय पर लगने वाले ब्याज में भी कमी आएगी और प्रॉफ़िट बढ़ जाएगा.

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