नौकरी छोड़ पति-पत्नी ने बना डाला इलेक्ट्रिक बैल, किसानो के लिए हुआ वरदान साबित

नौकरी छोड़ पति-पत्नी ने बना डाला इलेक्ट्रिक बैल, किसानो के लिए हुआ वरदान साबित! Quitting job, husband and wife made electric bull, proved to be a boon for farmers

Update: 2022-07-02 12:32 GMT

कोरोना काल में जब कंपनियों में नौकरी करने वाले इंजीनियर का काम बंद हो वह अपने एक निश्चित ठिकाने घर गांव की ओर चल पड़े थे। कई तो ऐसे लोग थे जिन्हें कोरोना की वजह से कई वर्षों बाद अपने गांव जाने का मौका मिला था। गांव में ज्यादा वक्त बिताने की वजह से गांव के लोगों की समस्याओं से अवगत हुए। ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र के रहने वाले इंजीनियर तुकाराम सोनवणे और उनकी पत्नी सोनल के साथ ही हो रहा था। तुकाराम और उनकी पत्नी सोनल ने गांव में किसानों की समस्या को देखते हुए इलेक्ट्रिक बैल (Electric Bull) बना डाला।

कैसे आया विचार

इंजीनियर तुकाराम बताते हैं कि वह गांव में जब गांव के लोगों से खास तौर पर किसानों से खेती के बारे में चर्चा करते तो एक बात निखर कर सामने आती। किसानों द्वारा बताया जाता था कि डीजल पेट्रोल के बढ़ते दाम ट्रैक्टर से खेती करने पर लागत बढ़ रही है। अगर खेती बालों से की जाए तो समय ज्यादा लगता है और बालों के रखरखाव में भी पैसे ज्यादा खर्च होते हैं।

इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इंजीनियर तुकाराम ने अपनी पत्नी से बात की और एक दोस्त की सहायता से इलेक्ट्रिक बेल बनाने में जुट गए। यह इलेक्ट्रिक बैल एक बार चार्ज करने पर 4 घंटे तेजी के साथ खेतों में किसानों के साथ काम कर सकता है इसे ऑपरेट करना काफी सहज है।

तुकाराम बताते हैं कि जब उन्होंने इलेक्ट्रिक बुल बनाने का निर्णय लिया उस समय किसानो चर्चा की गई। किसानों ने मौसम के हिसाब से कार्य और मिट्टी की स्थिति के बारे में बताया।

किसानों से जानकारी इकट्ठा करने के बाद तुकाराम ने अपने एक दोस्त के वर्कशॉप में कार्य करना शुरू किया। इलेक्ट्रिक बैल बनाने के लिए आवश्यक सामग्री स्थानीय स्तर पर खरीदा गया। साथ में इंजन और जो अन्य सामग्री नहीं मिली उसे बाहर से मंगाया। आज इलेक्ट्रिक बुल पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रहा है। एक बार चार्ज करने पर 4 घंटे लगातार कमा लिया जा रहा है।

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