अब ऑनलाइन गेम खेलने के लिए भी करानी होगी केवाईसी

केन्द्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए प्रस्तावित नियमों का मसौदा सार्वजनिक कर दिया है। मसौदे में गेमिंग कंपनियों के लिए स्व नियामक तंत्र और खिलाड़ियों के अनिवार्य सत्यापन (केवाईसी) का प्रस्ताव है।

Update: 2023-01-03 08:20 GMT

केन्द्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए प्रस्तावित नियमों का मसौदा सार्वजनिक कर दिया है। मसौदे में गेमिंग कंपनियों के लिए स्व नियामक तंत्र और खिलाड़ियों के अनिवार्य सत्यापन (केवाईसी) का प्रस्ताव है। मसौदे पर 17 जनवरी तक राय मांगी गई है। गेमिंग कंपनियों को एक शिकायत अधिकारी भी नियुक्त करना होगा।

जुआ या सट्टेबाजी से संबंधित लागू होगा कानून

आईटी मंत्रालय ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए भारतीय कानूनों का अनुपालन जरूरी है। इसके साथ ही इन पर जुआ या सट्टेबाजी से संबंधित हर कानून ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर भी लागू होगा। ऑनलाइन गेम जो भारतीय कानून के अनुरूप न हों उनको कंपनियों द्वारा न तो होस्ट किया जाएगा। इसके साथ ही वह इनको न तो प्रदर्शित कर पाएंगी और न ही अपलोड व प्रसारित कर पाएंगी। वर्तमान समय पर गेमिंग कंपनियों के लिए वही नियम लागू किए जा रहे हैं जो वर्ष 2021 में सोशल मीडिया कंपनियों पर लागू हुए थे।

जीती रकम की देनी होगी जानकारी

ऑनलाइन खेल में शामिल होने वालों को अब यह भी जानकारी देनी होगी। जिसमें जमा राशि की निकासी या रिफंड, जीती रकम मिलने और अन्य शुल्क शामिल की गई हैं। इतना ही नहीं कंपनी को एक टीम बनाकर इसका रजिस्ट्रेशन भी मंत्रालय में कराना अनिवार्य है। टीम में ऑनलाइन गेमिंग, सार्वजनिक नीति, आईटी, मनोविज्ञान, चिकित्सा क्षेत्रों के सदस्य शामिल रहेंगे। पांच सदस्यों के निदेशक बोर्ड द्वारा शिकायतों का निराकरण किया जाएगा। यहां उल्लेखनीय है कि तेलंगाना देश का ऐसा पहला राज्य है जहां वर्ष 2017 में ऑनलाइन गेमिंग कानून लागू किया गया है। वहां भी पुराने नियम में संशोधन कर सख्त प्रावधान किए गए हैं।

इनका कहना है

इस संबंध में आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर के मुताबिक ऑनलाइन गेमिंग नियम फरवरी की शुरुआत में तैयार हो जाएंगे। जिनका पालन करना कंपनियों के लिए अनिवार्य रहेगा। इस नियम के पीछे यह मकसद है कि ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को बढ़ावा मिल सके। इसके साथ ही इनोवेशन के लिए प्रोत्साहित किया जाना है।

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