अगर आप धोखे से घर में लगा लिए ये पौधे तो जिंदगी हो जाएंगी नरक, जानिए!

घर को सुंदर बनाने के लिए गार्डन में कई तरह के पौधे लगाए जाते हैं लेकिन कई बार कुछ ऐसे पौधे लगा दिए जाते हैं जिनको वास्तु शास्त्र के हिसाब से गलत बताया गया है।

Update: 2022-01-19 09:15 GMT

घर को सुंदर बनाने के लिए गार्डन में कई तरह के पौधे लगाए जाते हैं लेकिन कई बार कुछ ऐसे पौधे लगा दिए जाते हैं जिनको वास्तु शास्त्र के हिसाब से गलत बताया गया है। इनका हमारे जीवन में नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। जिससे हमें कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं और हम समझ ही नहीं पाते आखिर यह सब क्यों हो रहा है। आज हम कुछ ऐसे पौधों के बारे में जानकारी दे रहे हैं जिनको हमें अपने गार्डन में नहीं लगाना चाहिए।

इमली का पौधा

कहा गया है कि इमली खाने में जितनी अच्छी लगती है। उसे घर के आस-पास लगाने से परेशानी भी बढ़ती है। बताया गया है कि इमली के पौधे में नकारात्मकता विद्यमान होती है। इसे सार्वजनिक स्थानों पर लगाना उपयुक्त बताया गया है। अगर घर के पास इमली का पौधा होता है तो घर में अनावश्यक विवाद होते रहते हैं।

नींबू या आंवला का पेड़

वैसे तो आंवले का पेड़ बहुत ही शुभ बताया गया है। लेकिन वास्तु शास्त्र में इसे घर के पास लगाने का विधान नहीं है। इसी तरह नींबू के पौधे को भी घर के पास लगाने से यह कला का कारण बनते हैं। इनसे हमें बचना चाहिए।

कपास का पौधा

वास्तु शास्त्र के अनुसार कपास का पौधा घर के पास लगाना बहुत ही अशुभ बताया गया है। इसे दुर्भाग्य का कारण माना गया है। मृत्यु के समय होने वाली क्रियाओं में कपास की लकड़ियों का उपयोग होता है। इसमें कई तरह की नकारात्मक शक्तियों का वास बताया गया है। घर के पास होने से आर्थिक तंगी तथा पारिवारिक विवाद होता है।

बबूल का पेड़

बबूल का पेड़ एक कांटेदार पौधा है। घर के आसपास किसी भी तरह के कांटेदार पौधे नहीं लगाने चाहिए। यह व्यक्ति की मानसिकता को प्रभावित करता है साथ ही कई तरह की बीमारी उत्पन्न होती है। बताया गया है कि अगर घर के आस-पास फूल का पौधा लगा है तो उसे तुरंत हटा दें।

मेहंदी का पौधा

घर के आसपास में भी का पौधा नहीं लगाना चाहिए। है कि इसमें बुरी आत्माओं का वास होता है। यह पौधा जहां पर लगा होता है उसके आसपास नकारात्मकता बढ़ती है।

नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।

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