RBI के इन ऐलान के बाद EMI वालों को भी बड़ी राहत, जानिए- कैसे मिलेंगे फायदे ही फायदे

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों को सलाह दी है कि वो कोरोना वायरस के चलते पैदा हुए संकट के कारण लोन लेने

Update: 2021-02-16 06:17 GMT

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों को सलाह दी है कि वो कोरोना वायरस के चलते पैदा हुए संकट के कारण लोन लेने वालों की ईएमआई अगले तीन महीनों के लिए टाल दें.

नई दिल्लीः आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज भारतीय बैंकों के लिए कई बड़ी राहत का एलान किया और उनके लिए लोन के मोर्चे से लेकर लिक्विडिटी बढ़ाने तक कई बड़े कदम उठाए हैं. सभी तरह के लोन चाहे वो होम लोन हो, कार लोन हो या पर्सनल लोन हो, इसके लिए आरबीआई ने एक अहम एलान किया है जिसका फायदा लोन लेने वालों को मिलेगा.

बैंक/एनबीएफसी को दिया गया 3 महीने का मोराटोरियम

बैंकों और एनबीएफसी को आरबीआई द्वारा 3 महीने का मोराटोरियम दिया गया है जिसके तहत जो लोन लेने वाले अगले 3 महीनों तक ईएमआई नहीं चुका पाएंगे उनकी क्रेडिट रेटिंग पर कोई असर नहीं होगा और उनकी क्रेडिट रेटिंग खराब नहीं होगी. आरबीआई ने बैंकों को ये सलाह दी है कि वो अगले तीन महीनों तक ग्राहकों से लोन की ईएमआई लेना टाल दें और इस तरह ग्राहकों को राहत देने की मर्जी बैंकों को दे डाली है. माना जा रहा है कि कई बैंक अपने ग्राहकों को ईएमआई के लिए राहत दे सकते हैं जिसका फायदा आम जनता को मिल सकता है.

रेपो रेट 0.75 फीसदी घटाकर 4.40% किया

आज आरबीआई ने रेपो रेट में 0.75 फीसदी की बड़ी कटौती की है और रेपो रेट 5.15 फीसदी से घटाकर 4.40 फीसदी कर दी है. इससे बैंकों को सस्ती दरों पर आरबीआई से कर्ज मिल पाएगा और इसका फायदा बैंक ग्राहकों को दे पाएंगे. आम लोगों के लिए सबसे बड़ी राहत की बात ये है कि आरबीआई के इस फैसले से आपकी ईएमआई सस्ती होने की पूरी उम्मीद है.

आरबीआई ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) कम किया, बैंक नए कर्ज आसानी से दे पाएंगे

आरबीआई ने कैश रिजर्व रेश्यो में पूरे 100 बेसिस पॉइंट या 1 फीसदी की कटौती कर दी है जिसके बाद सभी बैंकों का सीआरआर 4 फीसदी से घटकर 3 फीसदी हो जाएगा और बैंकों के पास इसके चलते 1.37 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी आएगी. इसके चलते बैंक ग्राहकों को इसका सीधा फायदा दे पाएंगे.

पिछली क्रेडिट पॉलिसी से अब तक सिस्टम में डाले 2.8 लाख करोड़ रुपये

आरबीआई ने पिछली मौद्रिक नीति जो 6 फरवरी को आई थी तबसे लेकर अब तक सिस्टम में 2.8 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी वाली है. इसका फायदा बैंकों को भी मिल रहा है और बैंक इसके जरिए अपने ग्राहकों को और ज्यादा कर्ज सस्ती दरों पर दे सकते हैं.

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