एयर इंडिया के बाद सरकार अब LIC और BPCL सहित कई कंपनियों का हिस्सा बेचने वाली है

सरकार कंपनियों का हिस्सा बेच कर 1.75 लाख करोड़ कामना चाहती है

Update: 2021-10-14 12:16 GMT

केंद्र सरकार देश की कई कंपनियों के निजीकरण करने में लगी हुई है। हाल ही में भारत की सरकारी एयर लाइन एयर इंडिया (Air India) को टाटा समूह को बेच दिया है वहीं मोदी सरकार बाकि सरकारी कंपनियों के हिस्से को बेचने की तैयारी में जुट गई है। सरकार सरकारी संस्थाओं का निजीकरण करके भरपूर खजाना भर लेगी। मोदी सरकार LIC और BPCL सहित अन्य सरकारी संस्थाओं के हिस्से को बेचने के लिए अग्रसर है। 

सरकार चाहती क्या है

सरकार को सरकारी कामकाज पसंद नहीं आ रहा है इसी लिए सब बेचे डाल रही है ऐसा हम नहीं देश की जनता कहती है हालाँकि सरकार इस कारण से निजीकरण नहीं कर रही है, ऐसा क्यों हो रहा है ये कभी और बताएगे फ़िलहाल इतना जानिए की कौन कौन कौन सी कम्पनिया सरकार बेच देगी। मोदी सरकार की मंशा है की वो सरकारी कंपनी के हिस्से को बेच कर 1.75 लाख करोड़ रुपए इक्कठा कर ले. सरकार अभी कमाई के इस लक्ष्य से बहुत दूर है। एयर इंडिया को बेचने के बाद सरकार को सिर्फ 18000 करोड़ रुपए मिले हैं और NMDC सहित हुडको की हिस्सेदारी बेचने पर सिर्फ 8369 करोड़ रुपए हासिल हुए हैं मतलब की सरकार के पास अभी तक सिर्फ 26369 करोड़ ही आये हैं। लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार को अभी कई सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी बेचनी है। 

अगले साल तक BPCL का निजीकरण हो जाएगा 

कुछ महीने पहले निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधक सचिव (DIPAM) तुहिन कांत पांडेय ने कहा था की मार्च 2022 तक BPCL को निजीकरण करने का काम पूरा हो जाएगा। इसके अलावा सरकार शिपिंग कारपोरेशन और इंडिया, BEML , पवनहंस, नीलांचल इस्पात निगम के निजीकरण को इस साल पूरा करना चाहती है। इसके अल्वा 2 PSU बैंक और बीमा कंपनी का भी निजीकरण होना है 

इन कंपनियों को भी बेच कर सरकार अपना खजाना भरेगी 

LIC: भारतीय जीवन बीमा निगम का IPO लेकर सरकार इससे 1 लाख करोड़ रुपए जुटा सकती है ,जल्द ही LIC का IPO बेचने का काम शुरू किया जाएगा। 

BPCL: भारत प्रोटोलियम कारपोरेशन लिमिटेड की हिस्सेदारी भी सरकार बेचना चाहती है। हिस्सेदारी क्या पूरा का पूरा BPCL बेचना चाहती है। इसके लिए इसी साल दिसंबर में फाइनेंशियल बिड बुला सकती है। भारत पेट्रोलियम में सरकार का 53% शेयर है जिसे बेच कर सरकार 50 हज़ार करोड़ रुपए तक कमा सकती है। 

पवन हंस: ये हेलीकाप्टर बनाने वाले कंपनी है जिसमे सरकार का 51% हिस्सा है। पवनहंस को सरकार पूरी तरह बेचना चाहती है। बाकी 49% हिस्सेदारी सरकारी तेल और गैस कंपनी ONGC की है जिसने भी अपना शेयर बेचने का फैसला किया है ,

नीलांचल इस्पात निगम: इसलिए लिए कई निजी कंपनियों ने सरकार को रूचि दिखाई  है और एक्सप्रेशन ऑफ़ रिक्वेस्ट भी भेजा है। सरकार निगम को मार्च 2022 तक प्रइवेटाइज कर सकती है। 

CEL: सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को भी सरकार बेचने वाली है इस कंपनी को बेचने के लिए फाइनेंशियल बोलिया लग चुकी है। 

IDBI बैंक: कैबिनेट ने IDBI बैंक में रणनीतिक विनिवेश और मैनेजमेंट कंट्रोल ट्रांसफर के लिए हामी भर दी है। इस बैंक में केंद्र सरकार और LIC की 94%हिस्सेदारी है। जिसमे LIC की 49.24% और सरकार की 45.48% हिस्सेदारी है। बाकी शेयर निजी लोगों के हाथों में है। वित्तमंत्री ने कहा था की इस वित्तीय वर्ष में IDBI के निजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। 

SCI: शिपिंग कारपोरेशन ऑफ़  इंडिया को भी मार्च 2022 में प्रइवेटाइज़ कर दिया जाएगा इसमें सरकार अपनी 63.75% की पूरी हिस्सेदारी बेचने वाली है। इसके लिए 3 कंपनियों को चुन लिया गया है। 

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