आंदोलन की राह पर स्वास्थ्यकर्मी, स्वास्थ्य सेवा ठप्प

कोरोना वायरस आने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की भर्ती हुई थी। लेकिन इन्हे सरकार अब बाहर का रास्ता दिखा रही है।

Update: 2021-02-16 06:40 GMT

आंदोलन की राह पर स्वास्थ्यकर्मी, स्वास्थ्य सेवा ठप्प

भोपाल। कोरोना वायरस आने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की भर्ती हुई थी। लेकिन इन्हे सरकार अब बाहर का रास्ता दिखा रही है। स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि कोराना अभी गया नहीं और सरकार हमें बाहर का रास्ता दिखा रही है। इनका कहना है कि इस आपदा के समय हमने अपने जीवन की परवाह किये बगैर लोगों की देखरेख की लेकिन सरकार अब हमारे साथ निर्दयता का परिचय दे रही है।

बताया गया है कि स्वास्थ्यकर्मी नियमितीकरण की मांग को लेकर भोपाल के नीलम पार्क में शांति पूर्वक हड़ताल पर बैठे थे। पुलिस उन्हें हटाना चाहती थी लेकिन वह हटने को तैयार नहीं थें। इसके बाद पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक हटाने का प्रयास करते हुए स्वास्थ्य कर्मियों पर लाठीचार्ज किया था।

क्या है मामला

कोरोना के समय रोगियांे के बेहतर देखभाल के लिए प्रदेश सरकार ने अस्थाई तौर पर स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की थी। लेकिन अब उन्हे सरकार हटाना चाह रही है। जिन्हें अब हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसे में स्वास्थ्य कर्मी विरोध करते हुए नियमित किए जाने की मांग को लेकर भोपाल में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। जहां महिला और पुरुष कर्मचारियों पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया था।उसी लाठीचार्ज के विरोध में सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने जिला अस्पताल का काम बंद कर दिया और अनिश्चत कालीन हड़ताल पर चले गए।

लाठीचार्ज पर भड़के स्वास्थ्यकर्मी

भोपाल में स्वास्थ्यकर्मियों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज सेे स्वास्थ्यकर्मियों में गुस्से का माहौल है। शिवपुरी के डॉक्टर्स अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हालत यह है कि अब अस्पता इलाज के लिए आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें कुछ पुलिसकर्मी स्वास्थ्य कर्मचारियों पर लाठीचार्ज करते नजर आ रहे थे। आंदोलन कर रहे स्वस्थ्य कर्मियों के लिए यह वीडियों आग में घी काम कर रही है।

शिवपुरी में अनिश्चित कालीन हड़ताल

प्रदेश की राजधानी की इस घटना से स्वास्थ्य कर्मी काफी नाराज हैं। जिसके चलते शिवपुरी के स्वास्थ्य कर्मी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं। ऐसे जिले की सभी स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असरा पड़ रहा है। रोगियों को समय पर इलाज न मिलने से उन्हे मजबूरन निजी चिकित्सालयों की ओर रुख करना पड रहा है।

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