मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा भोपाल का नाम भोजपाल करने भेजा जाएगा प्रस्ताव

MP News: भोपाल में चल रही रामकथा के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सपत्नीक शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज का आशीर्वाद लिया।

Update: 2023-02-01 09:33 GMT

भोपाल में चल रही रामकथा के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सपत्नीक शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज का आशीर्वाद लिया। सीएम से रामभद्राचार्य महाराज ने भोपाल का नाम भोजपाल करने की बात भी दोहराई। मुख्यमंत्री का संबोधन समाप्त होने के बाद वहां मौजूद लोगों द्वारा भी नारेबाजी करते हुए भोपाल का नाम बदलने की मांग की। जिस पर मुख्यमंत्री मुस्कुराए और कहा कि यह प्रस्ताव भेजा जाएगा, आप जानते हो कि मैं अकेला ऐसा नहीं कर सकता।

रामभद्राचार्य महाराज ने कहा फिर मिलेगी कुर्सी

दशहरा मैदान में रामकथा के समापन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, पत्नी साधना सिंह चैहान के साथ पहुंचे। रामभद्राचार्य महाराज का आशीर्वाद लेने के बाद जगद्गुरु ने बैठने के लिए इन्हें कुर्सी देने की बात कही। तब मुख्यमंत्री ने कहा कि वह नीचे बैठेंगे। जिस पर रामभद्राचार्य महाराज ने मजाकिया लहजे में कहा कि कुर्सी तो इन्हें मिली ही है। यह कह रहे हैं कि गुरुजी अगले चुनाव में फिर दिलवा दीजिए। शिवराज सिंहजी कुर्सी आपको मिलेगी, मैंने पूरी रणनीति बना ली है। मैं कुर्सी दिलाने के लिए तैयार हूं।

जगद्गुरु ने सीएम को दिया अपने जन्मोत्सव का आमंत्रण

इस दौरान रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि अगले वर्ष 14 जनवरी को उनका जन्मोत्सव होगा जिसका आमंत्रण उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान को दिया। जिस पर सीएम ने कहा कि वह इस आयोजन में शामिल होने आएंगे और जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाएंगे। सीएम ने राम दरबार की प्रतिमा रामभद्राचार्य महाराज को भेंट की। जिस पर उन्होंने कहा कि आप रामजी का स्वयं तिलक करें, ताकि रामजी अगला तिलक आपका करेंगे। उन्होंने कहा कि अगला चुनाव जीतने पर मैं आपके शपथ ग्रहण में आऊंगा और आपका तिलक करूंगा। भोपाल ताल में फिर कमल खिलना चाहिए।

..तो हमारा भारत अखंड हो जाए

सीएम की मौजूदगी में रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि मैं वशिष्ठ कुल का वेदज्ञ ब्राह्मण हूं। मैं रामजी से केवल यही मांग रहा हूं कि पाक अधिकृत कश्मीर हमें मिल जाए। इसके साथ ही जो 800 वर्गमील जमीन चीन ने हथिया रखी है वह भी मिल जाए तो हमारा भारत अखंड हो जाए। रामजी से यही मेरी दक्षिणा है, मुझे और कुछ नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि उमा भारती से भी उनकी मुलाकात हुई। उमा मेरी छोटी बहन हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि हमारे भाई शिवराज सिंह को फिर आशीर्वाद दीजिए कि वे पुनः मुख्यमंत्री बनें। जिस पर रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि बिल्कुल आशीर्वाद तो है ही।

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