Tesla का सफर: डूबने की कगार से इलेक्ट्रिक व्हीकल किंग बनने तक की कहानी, कल होगी एलन के ऑटोमोबाइल कंपनी की भारत में एंट्री

2008 में दिवालिया होने के कगार पर पहुँचने से लेकर दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी बनने तक, जानिए कैसे एलन मस्क की टेस्ला ने भारी चुनौतियों का सामना किया। यह लेख टेस्ला की शुरुआत, उसकी पहली कार 'रोडस्टर' और अंततः उसकी वैश्विक सफलता पर प्रकाश डालता है।;

Update: 2025-07-14 06:53 GMT

एलन मस्क के स्वामित्व वाली ऑटो मोबाइल कम्पनी टेस्ला की कहानी की शुरुआत 2003 में हुई जब दो इंजीनियर, मार्टिन एबरहार्ड और मार्क टारपेनिंग ने टेस्ला मोटर्स की नींव रखी. बाद में इयान राइट और जेबी स्ट्रॉबेल भी इस टीम में शामिल हो गए. एबरहार्ड को स्पोर्ट्स कारें बहुत पसंद थीं, पर वह ऐसी कार चाहते थे जो तेज़ हो और पर्यावरण को नुकसान भी न पहुंचाए. उस समय मिडिल ईस्ट में युद्ध चल रहा था और ग्लोबल वॉर्मिंग की चिंता बढ़ रही थी, जिसने मार्टिन को पेट्रोल गाड़ियों का विकल्प सोचने पर मजबूर किया.

मार्टिन और मार्क ने देखा कि ई-बुक रीडर में इस्तेमाल होने वाली लिथियम-आयन बैटरी कारों के लिए भी फायदेमंद हो सकती है. उन्होंने एक छोटी कंपनी, एसी प्रॉपल्शन, के साथ मिलकर एक प्रोटोटाइप बनाया जो बाद में टेस्ला रोडस्टर का आधार बना. हालांकि, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का अनुभव न होने और सप्लायर्स की झिझक के बावजूद, उन्होंने लोटस जैसी कंपनियों के साथ साझेदारी की और 1 जुलाई 2003 को टेस्ला की शुरुआत की.

एलन मस्क की एंट्री: बदलाव की शुरुआत

आज भले ही एलन मस्क टेस्ला का सबसे बड़ा चेहरा हैं, लेकिन वह इसके संस्थापक नहीं थे. 2004 में मस्क ने टेस्ला में 65 लाख डॉलर (आज के हिसाब से लगभग 56 करोड़ रुपये) का निवेश किया और कंपनी के चेयरमैन बने. उस समय वह स्पेसएक्स पर काम कर रहे थे, तभी उनकी मुलाकात युवा इंजीनियर और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के शौकीन जेबी स्ट्रॉबेल से हुई.

स्ट्रॉबेल ने मस्क को एसी प्रॉपल्शन कंपनी और उसकी लिथियम-आयन बैटरी वाली tZero गाड़ी के बारे में बताया. मस्क को यह गाड़ी इतनी पसंद आई कि वह इसे व्यावसायिक रूप से बनाने के लिए एसी प्रॉपल्शन के सीईओ टॉम गेज को मनाने लगे. गेज के इनकार के बाद, गेज ने मस्क को मार्टिन एबरहार्ड से मिलवाया, जो टारपेनिंग और इयान राइट के साथ टेस्ला मोटर्स शुरू कर चुके थे. यहीं से मस्क की टेस्ला में एंट्री हुई.

टेस्ला की पहली कार: रोडस्टर का जन्म

टेस्ला की पहली गाड़ी रोडस्टर थी, जिसे लोटस एलिस के चेसिस पर बनाया जाना था. कंपनी का शुरुआती प्लान लागत कम रखने के लिए लोटस के मौजूदा पार्ट्स का इस्तेमाल करना था, पर मस्क को यह मंजूर नहीं था. वह चाहते थे कि रोडस्टर इतनी खूबसूरत और दमदार हो कि लोग उसे देखकर हैरान रह जाएं.

मस्क हर दो हफ्ते में लॉस एंजिल्स से सिलिकॉन वैली आते, डिज़ाइन मीटिंग्स में हिस्सा लेते और गाड़ी के मॉडल्स की जांच करते. उनके सुझाव सिर्फ सलाह नहीं थे, वह हर बदलाव को लागू करवाना चाहते थे. उन्होंने दरवाजे का डिज़ाइन, सीट की चौड़ाई, हेडलाइट्स, कार्बन फाइबर बॉडी और इलेक्ट्रिक डोर हैंडल्स जैसे कई बड़े बदलाव करवाए, जिससे रोडस्टर की लागत और प्रोडक्शन का समय बढ़ गया.

जुलाई 2006 में टेस्ला ने सांता मोनिका एयरपोर्ट पर रोडस्टर का प्रोटोटाइप लॉन्च किया. इस इवेंट में कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर अर्नोल्ड श्वार्ज़नेगर और एक्टर जॉर्ज क्लूनी जैसे सितारे आए. रोडस्टर के प्रोटोटाइप ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों की पुरानी छवि तोड़ दी. यह गाड़ी 4 सेकंड में 0 से 60 मील प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ सकती थी, जिससे श्वार्ज़नेगर और क्लूनी जैसे सितारों ने इसके लिए 1 लाख डॉलर का डिपॉजिट दिया. स्टीव जॉब्स ने भी रोडस्टर की तारीफ की.

2008 का संकट: टेस्ला का अस्तित्व दांव पर

2008 में जब पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था संकट में थी, लेहमन ब्रदर्स जैसी बड़ी वित्तीय संस्थाएं दिवालिया हो रही थीं, तब टेस्ला जैसी छोटी स्टार्टअप के लिए फंडिंग जुटाना लगभग असंभव हो गया. मस्क ने टेस्ला को बचाने के लिए ग्राहकों से मिले बुकिंग अमाउंट का भी इस्तेमाल कर लिया.

सितंबर 2008 तक हालात और बिगड़ गए. मस्क इतने तनाव में थे कि वह रात-रातभर बड़बड़ाते, हाथ-पैर हिलाते और चीखते थे. उनकी गर्लफ्रेंड तालुलाह रिले ने बताया कि उन्हें लगता था मस्क को कभी भी दिल का दौरा पड़ सकता है. इस मुश्किल दौर में मस्क के एक दोस्त मार्क जुन्कोसा ने उन्हें स्पेसएक्स और टेस्ला में से एक को चुनने की सलाह दी. पर मस्क ने इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि अगर वह टेस्ला छोड़ देते हैं, तो यह साबित हो जाएगा कि इलेक्ट्रिक गाड़ियां काम नहीं करतीं. 2008 के अंत में, कई मुश्किलों के बाद, वैंटेज पॉइंट कैपिटल सहित अन्य निवेशकों के सहयोग से टेस्ला को 2 करोड़ डॉलर की इक्विटी फंडिंग मिली और कंपनी डूबने से बच गई.

आंतरिक दंगल: कौन है असली संस्थापक?

टेस्ला की स्थापना 1 जुलाई 2003 को हुई थी, जिसके शुरुआती संस्थापक मार्टिन एबरहार्ड और मार्क टारपेनिंग थे. बाद में इयान राइट और जेबी स्ट्रॉबेल भी शुरुआती टीम में शामिल हुए. एलन मस्क 2004 में निवेशक और बोर्ड चेयरमैन के रूप में आए. हालांकि, कंपनी के "संस्थापक" को लेकर विवाद रहा.

इयान राइट 2005 की शुरुआत में कंपनी से अलग हो गए थे. मार्टिन एबरहार्ड को 2007 में सीईओ पद से हटा दिया गया क्योंकि मस्क उनकी लीडरशिप से नाखुश थे. एबरहार्ड ने 2009 में मुकदमा दायर किया, यह दावा करते हुए कि उन्हें गलत तरीके से निकाला गया और मस्क खुद को संस्थापक के रूप में पेश कर रहे थे. बाद में दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ, जिसमें तय हुआ कि पांच लोग - एबरहार्ड, टारपेनिंग, राइट, मस्क और स्ट्रॉबेल - खुद को टेस्ला के सह-संस्थापक कह सकते हैं. मार्क टारपेनिंग भी एबरहार्ड के निकाले जाने के बाद कंपनी छोड़ गए थे, जबकि जेबी स्ट्रॉबेल 2019 तक कंपनी में रहे और बाद में अपनी कंपनी रेडवुड मटेरियल्स शुरू की.

टेस्ला की कामयाबी: ICE व्हीकल्स के बीच प्रभुत्व

2008 में टेस्ला ने अपनी पहली हाई-परफॉर्मेंस इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार रोडस्टर लॉन्च की, जिसने लोगों का ध्यान इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर खींचा. फोर्ड और जनरल मोटर्स जैसी कंपनियों ने शुरुआत में इलेक्ट्रिक वाहनों को गंभीरता से नहीं लिया, जबकि टेस्ला ने लिथियम-आयन बैटरी तकनीक को बेहतर बनाया. टेस्ला ने सेल्फ-ड्राइविंग टेक्नोलॉजी (ऑटोपायलट) भी शुरू की, जिसने ग्राहकों को खूब आकर्षित किया. इसके अलावा, टेस्ला ने अपना खुद का चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (सुपरचार्जर नेटवर्क) खड़ा किया, जो एक बड़ी खासियत साबित हुई.

एलन मस्क की सोशल मीडिया पर मौजूदगी और उनके बयानों ने टेस्ला को मुफ्त पब्लिसिटी दिलाई. रोडस्टर के लॉन्च के बाद हॉलीवुड सेलेब्रिटीज जैसे अर्नोल्ड श्वार्ज़नेगर और जॉर्ज क्लूनी ने इसे खरीदा, जिससे ब्रांड को बड़ा बूस्ट मिला.

टेस्ला की सबसे बड़ी कमाई इलेक्ट्रिक गाड़ियों (मॉडल 3, मॉडल Y, मॉडल S, मॉडल X, साइबरट्रक, टेस्ला सेमी) की बिक्री से होती है. 2024 में टेस्ला ने 17.8 लाख गाड़ियां बेचीं और ऑटोमोटिव सेल्स से 81.5 बिलियन डॉलर (लगभग 6.90 लाख करोड़ रुपये) की कमाई हुई. टेस्ला को ज़ीरो-एमिशन व्हीकल्स (ZEV) बनाने के लिए रेगुलेटरी क्रेडिट्स भी मिलते हैं, जिन्हें यह उन ऑटोमेकर्स को बेचती है जो उत्सर्जन नियमों को पूरा नहीं कर पाते. 2024 में टेस्ला ने इन क्रेडिट्स से 2.76 बिलियन डॉलर (लगभग 0.24 लाख करोड़ रुपये) कमाए, जो 2023 की तुलना में 54% ज्यादा हैं. 2014 से अब तक टेस्ला ने इनसे कुल 11.4 बिलियन डॉलर (लगभग 0.98 लाख करोड़ रुपये) कमाए हैं. 15 जुलाई को टेस्ला मुंबई में अपना पहला शोरूम खोलने जा रही है.

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