मध्यप्रदेश

पांच रुपये का सिक्का डालने पर मशीन उगल रही कंडोम

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:40 AM GMT
पांच रुपये का सिक्का डालने पर मशीन उगल रही कंडोम
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जनसंख्या नियंत्रण के साथ ही एड्स जैसी बीमारी से लोगों को बचाने के लिए हिंडालको महान ने एक नई पहल की शुरूआत करते हुए कण्डोम वेंडिंग

पांच रुपये का सिक्का डालने पर मशीन उगल रही कंडोम

सिंगरौली। जनसंख्या नियंत्रण के साथ ही एड्स जैसी बीमारी से लोगों को बचाने के लिए हिंडालको महान ने एक नई पहल की शुरूआत करते हुए कंडोम वेंडिंग मशीन बरगवां प्राथमिक चिकित्सालय में स्थापित किया है जहां 5 रुपये का सिक्का डालकर निःसंकोच कंडोम प्राप्त किया जा सकता है। इस पहल की शुरूआत विश्व एड्स दिवस के मौके पर परियोजना प्रमुख रतन सोमानी के दिशा निर्देशन में की गई।

पांच रुपये का सिक्का डालने पर मशीन उगल रही कंडोम

कण्डोम वेंडिंग मशीन का उद्घाटन करते हुए स्वास्थ्य अधिकारी डा. अरुण शर्मा ने बताया कि दुनिया भर में हर वर्ष एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। हिंडालको महान सीएसआर विभाग द्वारा एड्स के प्रति गंभीरता समझते हुए लोगों को एड्स से बचाव व छोटा परिवार सुखी परिवार के मंत्र को सफल बनाने में कंडोम वेंडिंग मशीन मददगार साबित हो सकता है।

बताया गया कि इस वेंडिंग मशीन से लोगों को आसानी से मिलने वाले कंडोम के इस्तेमाल से न सिर्फ अनचाही प्रेगनेंसी से बचाव होगा बल्कि यौन संक्रमित बीमारी जैसे एचआईवी, एड्स हर्पीज, क्लैमिडिया, गोनोरिया व सिफलिस जैसे रोगों से बचने में कारगर होगा। इस अवसर पर काफी लोगों ने मशीन का उपयोग कर कंडोम प्राप्त किया।

लोगों में जागरुकता लाने का चल रहा प्रयास

एचआईवी संक्रमण को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जाता है। एड्स की बीमारी के प्रति मरीज भी सजग नहीं रहते हैं इसलिए अन्य बीमारी का भ्रम बना रहता है। इस गंभीर समस्या से बचाव का सबसे पहला चरण एड्स के लक्षण पहचानना है। हिंडालको सीएसआर विभाग से विजय वैश्य, वीरेंद्र पाण्डेय ने विश्व एड्स दिवस पर बताया कि जानकारी ही बचाव है।

एड्स का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम होता है। शुरूआती दौर में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों व युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था जबकि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। इस अवसर पर विश्व एड्स दिवस आयोजित कार्यक्रम के उद्देश्य के संबंध में बताया कि एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली महामारी एड्स के बारे में हर उम्र के लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाना है।

Aaryan Dwivedi

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